पुलिस शहीद स्मृति दिवस में स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि!
पुलिस शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन देहरादून स्थित शहीद स्मारक स्थल पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, माननीय मुख्यमत्री उत्तराखण्ड एवं श्रीमती मालाराज्य लक्ष्मी शाह, माननीय सांसद टिहरी, रमेश पोखरियाल निशंक, माननीय सांसद हरिद्वार, प्रकाश पन्त, श्री अरविंद पाण्डे,श्री धन सिंह रावत, माननीय मंत्री गण, श्री उमेश शर्मा, श्री खजान दास, हरवंश कपूर, गणेश जोशी, विनोद चमोली, देश राज, केदार सिंह रावत, मुन्ना सिंह चौहान, मनोज रावत, श्री जॉर्ज आईवान इंग्लो इण्डियन माननीय विधायक गण, श्री उत्पल कुमार मुख्य सचिव, अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री राम सिंह मीना, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, श्री वी विनय कुमार अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना एवं सुरक्षा सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं गणमान्य महानुभाव भी उपस्थित रहे और शहीद हुए पुलिस कर्मियों को याद कर उन्हे भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम का संचालन उ0नि0 पूनम प्रजापति द्वारा किया गया।
माननीय मुख्यमंत्री जी का उद्वबोधन
आज 21 अक्टूबर के दिन पूरे भारतवर्ष में पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर सम्पूर्ण भारत में पुलिस, अद्धसैनिक पुलिस संगठनों के शहीद हुए पुलिस जनों को श्रृद्धांजलि दी जाती है। आज के ही दिन उन वीर शहीदों को शत्-शत् नमन करते हैं जिन्होंने कर्तव्य पालन में अपने प्राणों की आहूति दी ।
देश की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने का उत्तरदायित्व राज्यों की पुलिस बल एवं अर्द्ध सैनिक बलों का है। अपने इसी उत्तरदायित्व को पूर्ण निष्ठा से निभाते हुए पुलिस कर्मियों को अपने जीवन की आहूति भी देनी पड़ जाती है। विगत एक वर्ष में सम्पूर्ण भारत में कुल 414 अर्द्ध सैनिक बलों एवं विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मी शहीद हुए। जिसमें उत्तराखण्ड पुलिस के 02 वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी है।
डियूटी के दौरान प्राणों की आहुति देने वाले ये पुलिस कर्मी हम सब के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। सम्पूर्ण भारतवासी अपने शहीद पुलिस कर्मियों को हार्दिक श्रृद्धांजलि देते हुए आज नतमस्तक हैं। इस अवसर पर इन वीर शहीदों के परिजनों के प्रति भी मैं अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करता हूं।
आज विश्व में कोई ऐसा देश नहीं है जो आतंकवाद की चुनौतियों से अछूता हो। हमें इन चुनौतियों का डट कर सामना करना है तथा इससे निपटने के लिए एक सुनियोजित रणनीति के तहत कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देह्र्दाडून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /