मुख्यमन्त्री ने शिक्षको से कहा बच्चो को अहित न हो !

मुख्यमन्त्री ने शिक्षको से कहा बच्चो को अहित न हो !  

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिक्षकों से शिक्षा के विकास व उन्नयन पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की है। किसी बच्चे की शिक्षा का अहित न हो शिक्षकों को इसका भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चों की शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। 

बुधवार को स्थानीय लक्ष्मण इण्टर कालेज में आयोजित राजकीय शिक्षक संघ के चतुर्थ द्विवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों व सरकारी कर्मियों में अन्तर है, शिक्षक राज्य के लिये प्राइड भी होता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि किसी भी विभाग का केन्द्र बिन्दु आम आदमी होना चाहिए, शिक्षा से बच्चे का अहित न हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए बच्चों को महसूस होना चाहिए कि हममेें और आपमें 1 कदम का फासला है/

उन्होने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि आज 60 प्रतिशत बच्चे निजि स्कूलों में पढ़ रहे हैं, केवल 40 प्रतिशत बच्चे ही सरकारी स्कूलों में रह गये हैं। जबकि सरकारी स्कूलों के अध्यापक सबसे योग्य है तथा वेतन भी अधिक पाते है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय शिक्षक संघ की स्मारिका ‘‘शिक्षा दर्पण‘‘ का विमोचन तथा वेबसाइट का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर निदेशक, माध्यमिक शिक्षा आर.के.कुंवर, कुलपति एस.जी.आर.आर. विश्वविद्यालय डाॅ.पीताम्बर प्रसाद ध्यानी, राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चैहान, संरक्षक अरविंद चैधरी, भाजपा के प्रदेश सचिव सुनिल उनियाल गामा, पार्षद अशोक भट्ट एवं प्रदेश के विभिन्न स्कूलों के शिक्षक उपस्थित थे।

देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /  

                            

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