उत्तराखण्ड चारधाम यात्रा की रफ्तार पड़ी धीमी!
उत्तराखण्ड चारधाम यात्रा की रफ्तार पड़ी धीमी!
उत्तराखंड में मानसून शुरू होते ही चारधाम यात्रा की रफ्तार भी धीमी हो गई है। आलम ये है कि जहां पहले ही महीने मेंचारों धामों में पिछले सभी सालों के रिकॉर्ड टूट गए थे तो वहीं अब मानसून के सक्रिय होते ही यात्रा की रफ्तार काफी धीमी हो गई है।
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पहाड़ों में जगह-जगह भारी बारिश से भूस्खलन हो रहा है। सड़कें मलबे में तब्दील हो गई हैं और कई जगहों पर लैंडस्लाइड से यात्रियों की जान तक चली गई है। तो वही एक बार फिर से मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। जिससे सरकार और पुलिस प्रशासन सहित एसडीआरएफ के माथे पर बल पड़ने शुरू हो गए हैं। प्रदेश में मानसून ने दस्तक दी तो वैसे ही यात्रियों के पांव भी रुक गए। मानसून की तैयारियों सहित भूस्खलन, यात्रा मार्गों के खस्ताहाल स्थितियों से निपटने को लेकर प्रशासन के दावे हवा-हवाई साबित होने लगे हैं। पहाड़ों पर हो रही भयंकर बरसात से सड़कें मलबे में तब्दील होने लगी हैं और जगह-जगह पर भारी लैंडस्लाइड होने से चार धाम यात्रा कई घंटों तक रुक रही है। जिससे यात्री जगह-जगह फंसे पड़े हैं। कई घंटों तक जाम में भी यात्रियों और स्थानीय लोगों की हालत खराब हो रही है। पूरे उत्तराखंड की बात की जाए तो इस समय भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश की 60 से ज्यादा सड़कें आवागमन के लिए बंद पड़ी हैं। जिसके चलते यात्रियों और सहित स्थानीय लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीँ बीते दिन केदारनाथ यात्रा रुद्रप्रयाग के पास 5 घंटे से ज्यादा बाधित रही इसके अलावा गंगोत्री मार्ग भी भारी बरसात और भूस्खलन से लगातार बाधित हो रहा है। साथ ही ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे शिवपुरी के पास लगातार घंटो तक बाधित हो रहा है। पहाड़ों पर स्थिति इतनी खतरनाक है कि चारधाम ऑल वैदर मार्ग पर हो रही कटिंग से गिरने वाले बोल्डर लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। अकेले मानसून के समय भूस्खलन से और भारी भरकम बोल्डर गिरने से अब तक 14 यात्रियों की मौत हो चुकी है। जबकि 23 घायल हुए हैं। इसके अलावा 31 जानवर सहित 101 घर छतिग्रस्त हुए हैं। ऐसे में प्रशासन के दावे हर साल की भांति इस साल भी हवाई दिख रहे हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के निदेशक पीयूष रौतेला भी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदेश में बारिश भूस्खलन और ऑल वेदर सड़क बनने से लगातार यात्रियों और आम लोगों को भारी परेशानी हो रही हे। ये परेशानी आने वाले लम्बे समय तक होती रहेगी क्यूंकि ऑल वेदर रोड बनने से पहाड़ लगातार कमजोर हो रहे हैं जिससे लगातार भूस्खलन हो रहा है।
बाईट-पीयूष रौतेला, निदेशक, आपदा प्रबंधन विभाग उत्तराखंड
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरदुन से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट/