उत्तरखण्ड में पर्यटन की अपार संभावनाए–सतपाल महाराज!
पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज की पहल पर प्रदेश में साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत माउण्टेन बाइकिंग रैली (एम.टी.बी.-2017) के सफल आयोजन के बाद अब साहसिक पर्यटन की अन्य विधा ट्रेकिंग के क्षेत्र में ट्रैक आॅफ द इयर चांईशील-2017 अभियान प्रारम्भ किया गया है। श्री महाराज ने कहा है कि नैर्सर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण उत्तराखण्ड में ट्रैकिंग के संवर्धन तथा राज्य में ट्रैकिंग को पर्यटन उत्पाद के रूप में विकसित करने की अपार संभावनायें है।
सचिव पर्यटन आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने बताया कि चांईशील ट्रैक को विश्व प्रसिद्ध बनाने तथा विशेष रूप से युवाओं को इस अविस्मरणीय यात्रा में प्रतिभाग करने हेतु पर्यटको को देश विदेश से आमंत्रित किया जा रहा है।
संयुक्त निदेशक पर्यटन/नोडल अधिकारी द ट्रैक आॅफ इयर-2017 चांईशील पूनम चंद ने बताया कि गुरूवार 21 सितम्बर, 2017 से 07 अक्टूबर, 2017 तक चलने वाले इस आयोजन से चांईशील, उत्तरकाशी को पर्यटन के विश्व मानचित्र में लाने का प्रयास है।
उन्होंने बताया कि ट्रैक आॅफ द इयर चांईशील के पहले दिन प्रतिभागी देहरादून से चांईशील लगभग 230 कि.मी. की यात्रा करेंगे, रात्रि विश्राम बेस कैम्प बलावत में होगा। दूसरे दिन प्रतिभागियों द्वारा बलावत से सुनौटी थाच तक लगभग 5-6 घण्टे का टैªक तथा सुनौती थाच में यात्रि विश्राम किया जायेगा। तीसरे दिन प्रतिभागी लगभग 5-6 घण्टे की यात्रा सामटा थाच तक करेंगे। चैथे दिन 5-6 घण्टे का सफर समता थाच से सरूताल/टिकुला थाच तक का होगा। पांचवे दिन टिकुला थाच से डगान मोरीयाच तक 4-5 घण्टे का ट्रैक किया जायेगा तथा ट्रैकर्स रात्रि विश्राम डगान मोरीयाच में करेंगे।
देहरादून से लगभग 230 कि.मी. की दूरी पर स्थित चांईशील, जनपद उत्तरकाशी के मोरी ब्लाॅक के बंगाण क्षेत्र की कोठीगाड घाटी एवं हिमाचल प्रदेश के रोहडू एवं डोडराक्वार के मध्य की ऊंची चोटियों की अर्द्धचंद्राकार पर्वत श्रंृखला के रूप में लगभग 25-30 कि.मी. में फैला है। चांईशील में छोटी-छोटी घास के बड़े-बड़े बुग्याल, फूलों की घाटियां में पर्वतीय घास, विभिन्न प्रकार के फूल एवं जड़ी-बूटियां तथा जगह-जगह जलधाराएं(छोटी नदियां) व वाटरफाॅल स्थित है।
बागान एवं काष्ठकला की नक्काशीयुक्त लकड़ी से निर्मित देव मंदिर व मकान मन को अनायास ही आकर्षित करते है। यहां पर विभिन्न प्रकार के पर्यटन यथा सांस्कृतिक-धार्मिक पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, साहसिक पर्यटन, ईको टूरिज्म, हर्बल टूरिज्म तथा एप्पल टूरिज्म की अपर संभावनाएं है।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /