*एनईपी में मील का पत्थर साबित होगी बालवाटिकाः डॉ0 धन सिंह रावत*

 

*एनईपी में मील का पत्थर साबित होगी बालवाटिकाः डॉ0 धन सिंह रावत*

*केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका शुरू करने पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को दी बधाई*

*केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने 50 केन्द्रीय विद्यालयों में किया बालवाटिका का शुभारम्भ*

देहरादून, 20 अक्टूबर 2022

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत देश्भर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बालवाटिका कक्षाओं का शुभारम्भ करने पर सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 के तहत बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत देश की शिक्षा प्रणाली में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने एनईपी-2020 में विशेष मार्गदर्शन के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं एनईपी समिति के चेयरमैन डॉ0 के0 कस्तूरीरंगन का भी आभार जताया।

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क समिति के सदस्यों एवं शिक्षाविदों का आभार जताते हुये बालवाटिका कक्षाओं को बुनियादी शिक्षा के लिये सबसे अहम बताया। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि समिति द्वारा तैयार किया गया पाठ्यक्रम बालवाटिका से कक्षा दो तक के बच्चों के लिये उपयोगी साबित होगा। उन्होंने उत्तराखंड के 4000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बालवाटिका कक्षाओं की शुरूआत किये जाने पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश के अन्य राज्य भी उत्तराखंड की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा में एनईपी लागू करेंगे। उन्होंने देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों एवं शिक्षाविदों से आह्वान किया कि वह नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम तैयार करने में अपना योगदान दें। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एनसीईआरटी समिति द्वारा तैयार किये गये राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क को सर्वाजनिक डोमेन डालें। उन्होंने विश्वास जताया कि पाठ्यक्रम समिति 21वीं सदी के भारत के निर्माण के लिये एक मजबूत नींव रखने में सफल साबित होगी। प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने देशभर के 50 केन्द्रीय विद्यालयों में बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ को शिक्षा प्रणाली में एक नई क्रांति का उदय बताया। उन्होंने कहा कि यह शुरूआत मैकाले की शिक्षा नीति की परिपाटी को बदलने तथा क्षेत्रीय बोली भाषाओं के विकास में अहम साबित होगी। डॉ0 रावत ने कहा कि उत्तराख्ांड में इसी माह उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी गई है। इसके लिये उन्होंने कैरिकुलम फ्रेमवर्क समिति सहित इस कार्य में सहयोग प्रदान करने वाले सभी शिक्षाविदों एवं विभगाय अधिकारियों का आभार जताया।

*वी. पी. सिंह बिष्ट*
जनसंपर्क अधिकारी/मीडिया प्रभारी
माननीय उच्च शिक्षा मंत्री।

Idea for news ke liye dehradun se Amit singh negi ki report.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *