पुरोला महापंचायत पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, कहा- न हो प्रॉपर्टी लॉस, टीवी डिबेट पर भी रोक!

पुरोला महापंचायत पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, कहा- न हो प्रॉपर्टी लॉस, टीवी डिबेट पर भी रोक!

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना सरकार की ड्यूटी है. किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं होनी चाहिए. सभा, रैली या पंचायत के लिए पहले सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है. गौरतलब है कि लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद यह महापंचायत बुलाई गई है. जिस पर रोक लगाने के लिए एसोसिएशन फाँर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका को वकील शारुख आलम ने बुधवार दोपहर बाद हाईकोर्ट में मेंसन किया था और तत्काल लिस्टिंग की मांग की थी.

नैनीताल. उत्तरकाशी के पुरोला में कथित लव जिहाद का मामला सामने आने के बाद गुरुवार को बुलाई गई महापंचायत पर रोक लगाने को लेकर दाखिल की गई याचिका की सुनवाई नैनीताल हाईकोर्ट में हुई. कोर्ट ने इस मामले में सरकार को नोटिस जारी कर 3 हफ्तों में जवाब मांगा है. साथ ही कहा है कि किसी भी तरह की सभा, रैली और पंचायत के लिए सरकार से अनुमति लेनी जरूरी है. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुरोला में किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी का लॉस नहीं होना चाहिए. साथ ही इस मामले को लेकर सोशल मीडिया व टीवी डिबेट पर भी रोक लगाई है.

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करना सरकार की ड्यूटी है. किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं होनी चाहिए. सभा, रैली या पंचायत के लिए पहले सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है. गौरतलब है कि लव जिहाद के मामले सामने आने के बाद यह महापंचायत बुलाई गई है. जिस पर रोक लगाने के लिए एसोसिएशन फाँर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका को वकील शारुख आलम ने बुधवार दोपहर बाद हाईकोर्ट में मेंसन किया था और तत्काल लिस्टिंग की मांग की थी. इससे पहले मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था जहां सर्वोच्च अदालत ने हाईकोर्ट जाने को कहा था.

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि धरना-प्रर्दशन, रैली और सभाओं के लिये सरकार से अनुमति लेनी होगी. कोर्ट ने मामले को गम्भीर मानते हुए सोशल मीडिया और टीवी डिवेट पर प्रतिबंध लगाया है, ताकि माहौल खराब ना होने पाए. चीफ जस्टिस कोर्ट ने डीएम उत्तरकाशी को मामले में एक्शन लेने के साथ सख्ती बरतने के आदेश दिये। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि कानून के तहत कार्रवाई हो. उन लोगों के खिलाफ सख्ती बरतें जो माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है.

ये है पूरा मामला
आपको बता दें कि हिंदूवादी संगठन ने पुरोला उत्तरकाशी 15 जून को हिंदू संगठनों ने महापंचायत का एलान किया है, जिसको रोकने के लिये एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की याचिका को वकील शारुख आलम ने आज हाईकोर्ट में याचिका मेंसने की, जिसमें महापंचायत को रोकने की मांग की गई थी. बता दें कि 26 मई को पुरोला उत्तरकाशी में 14 साल की लड़की को एक समुदाय विशेष के युवक द्वारा कथित अपहरण को लेकर सांप्रदायिक उन्माद भड़का था, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसे लव जिहाद की संज्ञा दी और विरोध प्रर्दशन किया. इस दौरान हिंदू संगठनों द्वारा विशेष समुदाय के लोगों से दुकानें खाली करवा ली और उनको आस पास का क्षेत्र छोड़ने का अल्टिमेटम दिया गया और कहा कि 15 जून से पहले वो यहां से चले जाएं नहीं तो परिणाम भुगतने के लिये तैयार रहे. अल्टिमेटम खत्म होने पर अब महापंचायत इस पर बुलाई गई है.

अब 3 हफ्ते बाद सुनवाई
महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने बताया कि इस सरकार से काउंटर मांगा है. इस तहर के आयोजन के लिये अब सरकार से अनुमति लेनी होगी और कानून व्यवस्था खराब करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि टीवी डिवेट और सोशल मीडिया पर बहस नहीं होगी और नारे भी नहीं लगाए जा सकते हैं. कोर्ट अब इस मामले पर तीन हफ्तों के बाद सुनवाई करेगी.

आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए नैनीताल से ब्यूरो रिपोर्ट।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *