उत्तराखण्ड के उद्यमसिंह नगर में बढ़ रहे बच्चो के दिल में छेद जाने क्या है पूरा मामला !

उत्तराखण्ड के उद्यमसिंह नगर में बढ़ रहे बच्चो के दिल में छेद जाने क्या है पूरा मामला !

पिछले कुछ सालों में तापमान में हुए बदलाव और खानपान में हुए परिवर्तन के कारण अब कम उम्र में तेजी से दिल में छेद के मामले सामने आ रहे हैं. 0 से 18 साल तक के बच्चों के दिल में छेद के काफी मामले सामने आ रहे हैं.

पिछले कुछ सालों में तापमान में हुए बदलाव और खानपान में हुए परिवर्तन के कारण, आजकल कम उम्र में दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले आम हो गए हैं. खासकर, 0 से 18 साल के बच्चों के दिल में छेद के मामले में वृद्धि दिखाई दे रही है. इस चुनौती के सामने देखते हुए, केंद्र सरकार ने आरबीएसके अभियान की टीम को तैयार किया है, जो स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर बच्चों की जांच करती है. उन बच्चों को भी निरिक्षण किया जाता है जिनमें लक्षण पाए जाते हैं, और उन्हें केंद्र सरकार की ओर से उपचार और चिकित्सा प्रक्रियाएँ प्रदान की जाती हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों की जानें बचाई जा सकें.

उधम सिंह नगर जिले में आरबीएसके की टीम ने पिछले 15 महीनों में आंगनबाड़ी केंद्रों में 125 बच्चों और स्कूलों में 43 बच्चों की जाँच और इलाज की प्रक्रिया शुरू की है. हालांकि, इस दौरान तीन बच्चों को उपचार के लिए परिजनों ने अन्य स्थान पर ले जाने का फैसला किया, और दुखदरूप से, इन तीनों बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि कई बच्चों के हृदय में जन्मजात छेद होते हैं, और जागरूकता की कमी के कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता. इसके परिणामस्वरूप, समय पर उपचार नहीं मिलने की स्थिति में, पीड़ित मरीज को बड़ी मुश्किलें आ सकती हैं, और इसके बिना विचार किए उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है.

बच्चों में अगर यह 7 लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो जल्द ही सरकारी अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं.
1: बच्चों के शरीर का पीला होना और होठों के आसपास नीला पड़ना.
2: बच्चों का वजन धीमी गति से बढ़ना.
3: बच्चों को बार-बार फेफड़ों का संक्रमण होना.
4: बच्चों को अचानक से तेज पसीना आना और खेलते ही थकावट महसूस होना.
5: बच्चों के शरीर का तापमान हमेशा ज्यादा रहता है, और कई बार गर्मी में भी कंपकंपी आने लगती है.
6: मिल्कफीड के समय बच्चों का रोना और सांस लेने में दिक्कत महसूस होना.
7: बच्चों की बोलते समय सास फूलना और शिशु का असहज होना.

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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।

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