ऑनलाइन संस्कृत कॉन्क्लेव में संस्कृत को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा
ऑनलाइन संस्कृत कॉन्क्लेव में संस्कृत को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा
-यह कॉन्क्लेव ‘समर्पणम’ की एक पहल थी जिसमें आईआईटी रुड़की सहित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के छात्र और संकाय सदस्य शामिल थे।
रुड़की, 28 सितंबर 2020: ‘संस्कृत अध्ययन और संबद्ध क्षेत्रों का महत्व और भविष्य’ शीर्षक पर आधारित एक ऑनलाइन संस्कृत कॉन्क्लेव में शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने विचार प्रस्तुत किए। यह आईआईटी रुड़की सहित राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों के एक विर्चुअल ग्रुप, ‘समर्पणम’ (संस्कृतया अर्पणम का संक्षिप्त रूप) की संयुक्त पहल थी। आयोजन का उद्देश्य संस्कृत जैसी प्राचीन भाषा को लेकर भारतीय युवाओं को जागरूक करना और संस्कृत के अध्ययन को प्रोत्साहित करना था।
इस सम्मेलन में संस्कृत आधारित ज्ञान प्रणाली में कम्प्यूटेशनल थिंकिंग मेटाफोर, संस्कृत साहित्य में विज्ञान और संस्कृत शिक्षा में क्रॉसरोड्स: एचईआई की भूमिका, विषयों पर भी चर्चा हुई, जिसपर क्रमशः प्रो. सुभाष काक, प्रो. एम डी श्रीनिवास और श्री चामु कृष्णा शास्त्री ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कॉन्क्लेव में चर्चा किए गए विषयों में एक महत्वपूर्ण विषय था-‘संस्कृत का विश्व स्तर पर अध्ययन, और कैसे भारत और इसके उच्च शिक्षण संस्थान एनईपी-2020 के अनुमोदन के मद्देनजर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं’। धन्यवाद ज्ञापन आईआईटी दिल्ली के प्रो. प्रतोष ने प्रस्तुत किया।
Idea for news ke liye rudki se amit singh negi ki report.