उत्तराखण्ड में बाघों की संख्या 442 पहुंची!
उत्तराखण्ड में बाघों की संख्या 442 पहुंची!
उत्तराखंड में वन विभाग के लिए एक अच्छी और बड़ी खबर आई है। बाघों की संख्या के लिहाज से उत्तराखंड पूरे देश में तीसरे स्थान पर आ गया है। राज्य में इनकी संख्या में 102 का इजाफा हुआ है। अब उत्तराखण्ड में बाघों की संख्या 442 पहुंच गई है।
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भारतीय बाघ आंकलन 2018 के जारी नतीजों ने उत्तराखण्ड के लिए खुशखबरी दी है। वर्ल्ड टाइगर डे के दिन बाघों की गणना के रिजल्ट जारी होते ही उत्तराखंड में वन्यजीव प्रेमी और वन विभाग बेहद खुश और संतुष्ट नजर आ रहा है। उत्तराखंड में 2018 की गणना के अनुसार बाघों का कुनबा बढ़कर अब 442 हो गया है। मानव वन्यजीव संघर्ष के अलावा लगातार वनों के हो रहे दोहन को रोकने में उत्तराखंड वन विभाग सफल रहा है। यही वजह है कि बाघों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। 2006 में उत्तराखंड में बाघों की संख्या 178 और 2010 में 227 थी। 2014 की गणना में उत्तराखण्ड में बाघों का कुनबा बढ़कर 340 हो गया था। उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी के बाद उत्तराखण्ड के प्रमुख वन संरक्षक जयराज सिंंह ने खुशी जाहिर की है। प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने कहा कि बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी के पीछे वन विभाग के कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर बाघों को बचाने का काम किया है। जयराज ने कहा कि हमारे कर्मचारी मारे भी गए हैं। उत्तराखंड में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी पर प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने इस दिशा में काम कर रहे एनजीओ, प्रदेश के अन्य ब्यूरोक्रेसी का भी आभार जताया। जयराज ने कहा कि उत्तराखंड इस संदर्भ में टॉप 5 राज्यों में शामिल है। एक छोटा प्रदेश है इसके बावजूद इस तरह की उपलब्धि उत्तराखंड ने हासिल की है तो हम सबको इसमें खुशी मनानी चाहिए। यह मौका हमारे लिए खुशी का है वहीं दूसरी ओर हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है।
बाईट- जयराज, प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखण्ड
वन विभाग के अधिकारियों ने इसे वन तस्करों के खिलाफ चलाए गए अभियान और वन्य जीव सुरक्षा के लिए लोगों के जागरूकता का परिणाम बताया है। क्षेत्रफल के घनत्व के हिसाब से उत्तराखंड पहले नंबर पर है। सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या के लिहाज से कार्बेट टाइगर रिजर्व पहले स्थान पर है। 2014 में प्रदेश में 340 बाघ थे। 2018 की अखिल भारतीय गणना के अनुसार उत्तराखंड में बाघों की संख्या 442 तक पहुंच गई है। इसके अलावा कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के साथ ही पश्चिमी वृत्त कुमाऊं क्षेत्र में भी बाघों की काफी संख्या पाई गई है। जो कि वन्य जीव प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है। वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा कि उत्तराखंड में लोग भी वन्य जीवों की सुरक्षा के प्रति जागरुक हैंं। लिहाजा वन विभाग और उत्तराखंड के आम जनमानस के लिए उत्तराखंड में बाघों की संख्या बढ़ना किसी खुशखबरी से कम नहीं है।
बाईट- डॉ. पराग मधुकर धकाते, वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त कुमाऊं
—ग्राफिक्स—
बाघों के संरक्षण में उत्तराखण्ड के प्रयास सफल
उत्तराखण्ड में बाघों की संख्या बढ़कर हुई 442
2014 की गणना में उत्त्तराखण्ड में थे 340 बाघ
2018 की गणना में उत्तराखंड में बाघों का कुनबा बढ़ा
चार साल में बाघों की संख्या में 102 का इजाफा
क्षेत्रफल के मद्देनजर घनत्व के हिसाब से उत्तराखंड पहले नंबर पर
सभी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या के लिहाज से कार्बेट टाइगर रिजर्व पहले स्थापन पर
टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में भी बाघ संरक्षण के लिए उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ
2017 की राज्य स्तरीय गणना में ये आंकड़ा 361 पहुंच गया था
राजधानी देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट!