भारतीय सेना में 1 लाख सैनिकों की कटौती, CDS General-Reduction of 1 lakh soldiers in Indian Army, CDS General !
भारतीय सेना में 1 लाख सैनिकों की कटौती, CDS General-Reduction of 1 lakh soldiers in Indian Army, CDS General !
भारतीय सेना खुद को ज्यादा आधुनिक और ज्यादा कारगर बनाने की तैयारी में है. भारतीय सेना में अगले कुछ सालों में एक लाख सैनिकों की कटौती की जाएगी और उससे होने वाली बचत का इस्तेमाल सेना को नई तकनीक देने के लिए किया जाएगा. अभी भारतीय सेना में लगभग 14 लाख सैनिक हैं और ये संख्या बल में केवल चीन से पीछे हैं. अब इसमें उन सैनिकों की संख्या घटाई जाएगी जो सीधे सैनिक कार्रवाइयों में भाग नहीं लेते बल्कि सर्विस, मैकेनिक जैसे काम करते हैं.
कम किए जाएंगे 1 लाख सैनिक
इससे सरहद पर तैनात सैनिक को बेहतर हथियार और नए उपकरण मिल पाएंगे. रक्षा मामलों की संसदीय समिति ने पिछले महीने ही अपनी रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत की है. इस रिपोर्ट में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने अपनी राय रखते हुए बताया है कि अब सेना तकनीक पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहती है और नए तरीके के युद्ध के लिए खुद को तैयार करना चाहती है.
उन्होंने कहा, ‘पहले सेना दूर के इलाकों में तैनात होती थी तो उसे अपने सारे इंतजाम खुद करने होते थे, लेकिन अब इंफ्रास्ट्रक्चर बनने के कारण उसकी जरूरत नहीं रह गई है. जैसे पहले सेना में बेस रिपेयर डिपो होते थे, जिनमें गाड़ियों की मरम्मत की जाती थी. लेकिन अब इन्हें आउट सोर्स किया जा सकता है. जैसे अगर टाटा कंपनी की कोई गाड़ी है, तो उसे मरम्मत के लिए टाटा की वर्कशॉप में भेजा जा सकता है. इससे जो बचत होगी उसे सेना स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई तकनीकों पर खर्च करना चाहती है जो युद्ध के नए तरीकों के लिए जरूरी है.’
सेना में सैनिक कार्रवाइयों में सीधे भाग लेने वाले यानी कॉम्बेटेंट सैनिकों को टूथ (TOOTH) कहा जाता है जिसमें इंफेंट्री, आर्टिलरी और आर्म्ड सैनिक आते हैं. इनको जरूरी सहायता देने वाले यानी रसद, गोला बारूद पहुंचाने वाले, गाड़ियों और जरूरी साजोसामान की मरम्मत करने वाले जैसे सैनिक टेल (TAIL) कहलाते हैं. अगर टेल बड़ी होती गई तो उसका बुरा असर टूथ यानी कॉम्बेंटेंट की संख्या पर पड़ता है. इसलिए सेना इस अनुपात को कम रखना चाहती है.
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The Indian Army is preparing to make itself more modern and more effective. In the Indian Army, one lakh soldiers will be cut in the next few years and the savings from this will be used to give new technology to the army. At present, there are about 14 lakh soldiers in the Indian Army and these numbers are behind only China in the force. Now it will reduce the number of soldiers who do not directly participate in military operations but work like service, mechanic.
1 lakh soldiers will be reduced
With this, soldiers posted on the outskirts will get better weapons and new equipment. The Parliamentary Committee on Defense Affairs presented its report in the House only last month. In this report, Chief of Defense Staff General Bipin Rawat has stated that in his opinion, now the army wants to pay more and more attention to technology and prepare itself for a new type of war.
He said, ‘Earlier the army used to be deployed in remote areas, then it had to make all its own arrangements, but now it is no longer needed due to the infrastructure. Like earlier there were base repair depots in the army, in which vehicles were repaired. But now they can be outsourced. For example, if a Tata company has a car, it can be sent to Tata’s workshop for repair. The savings that will be saved by this, the army wants to spend on new technologies like space, artificial intelligence, which is necessary for new methods of warfare.
Combatant soldiers, who directly participate in military operations in the army, are called tooth (TOOTH), which consists of infantry, artillery and armed soldiers. Those who provide them the necessary support, such as logistics, ammunition transporters, vehicles and repairing essential equipment, such as military tail (TAIL) are called. If the tail gets bigger then it has a bad effect on the number of tooth or combant. Therefore, the army wants to keep this ratio low.
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