भारत ने कनाडा को क्यों याद दिलाया वियना कंवेन्शन? समझिए खालिस्तान कनेक्शन की पूरी कहानी!
भारत ने कनाडा को क्यों याद दिलाया वियना कंवेन्शन? समझिए खालिस्तान कनेक्शन की पूरी कहानी!
कनाडा और भारत के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इस बीच भारत ने कनाडा को साफ शब्दों में समझा दिया है और वियना कंवेन्शन की याद दिलाई है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ है.
भारत और कनाडा के बीच तनाव जारी है. इस बीच, भारत ने कनाडा को वियना कंवेन्शन की याद दिलाई है. भारत ने कहा कि राजनयिक संबंधों को वियना कंवेन्शन के तहत बनाए रखें. दरअसल, वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक कैंप लगाया था. जिसमें खालिस्तान समर्थकों ने खलल डाला था. इसी घटना के बाद भारत ने कनाडा को समझा दिया कि वियना कंवेन्शन का पालन करें. ताकि उसके अधिकारी बिना किसी रोक-टोक के ठीक से काम कर सकें. आइए समझते हैं कि भारत और कनाडा के रिश्ते इस कगार पर कैसे पहुंच गए हैं और ये वियना कंवेन्शन क्या है, जिसकी याद भारत ने कनाडा को दिलाई है.
क्यों खटाई में पड़ गए भारत-कनाडा के रिश्ते?
बता दें कि भारत और कनाडा के रिश्ते तब खटाई में पड़ गए थे जब कनाडा के राष्ट्रपति जस्टिन ट्रूडो ने अनर्गल आरोप लगाए थे. भारतीय एजेंसियों का हाथ खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे बताया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को साफ नकार दिया था और कनाडा से सबूत मांगे थे. लेकिन कनाडा ने अब तक भारत को कोई सबूत नहीं दिखाए हैं.
हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
जान लें कि ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी. अज्ञात लोगों ने निज्जर के मौत के घाट उतार दिया था. भारत ने 2020 में ही निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था. भारत ने ट्रूडो के बेतुके आरोपों को भी खारिज कर दिया था.
भारत-कनाडा के बीच तल्खी क्यों?
हालांकि, ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिन बाद ही भारत ने कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करना टेंपरेरी रूप से सस्पेंड कर दिया था. इसके अलावा कनाडा के राजनयिकों को भारत छोड़ने के लिए कहा था. हालांकि, भारत अब कुछ वीजा सर्विस फिर शुरू कर चुका है. भारत ने यही अपील की है कि दोनों देशों को रिश्तों को वियना कंवेन्शन के तहत बनाए रखा जाए.
वियना संधि क्या है?
संयुक्त राष्ट्र की तमाम संधियों में से एक वियना कन्वेंशन भी है. सन् 1961 में वियना संधि हुई थी. इसका मकसद दो देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को मजबूत करना है. ऑस्ट्रिया के वियना में ये संधि हुई थी. हालांकि, लागू ये दो साल बाद हुई थी. वियना संधि में 192 देश शामिल हुए थे. इंटरनेशनल लॉ कमीशन ने वियना संधि का ड्राफ्ट तैयार किया था. इसमें राजनयिकों को खास अधिकार मिले है. इसे डिप्लोमेटिक इम्युनिटी कहा जाता है.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।