गौ-कथा से गौ-माता के महत्व का पता चलता है-मुख्यमन्त्री!

गौ-कथा से गौ-माता के महत्व का पता चलता है-मुख्यमन्त्री!

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सोमवार को परेड ग्राउण्ड देहरादून में आयोजित गौ-कथा में सम्मिलित हुए। इस अवसर श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पूज्य श्री गोपाल ‘मणी‘ महाराज जी द्वारा सुनायी जा रही कथा से हमें गौ-माता के महत्व का पता चलता है। उन्होंने कहा कि गाय तो सच में माता का स्वरूप होती है। विश्व के 120 करोड़ हिन्दु लोग गाय, गंगा, गायत्री एवं गीता को माँ का स्वरूप मानते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के युग में गाय के प्रति संवेदना में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थानीय बद्री गाय के विकास के लिये प्रयास कर रही है। साथ ही पतंजली के सहयोग से भी इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। श्यामपुर, लालकुंआ आदि क्षेत्रों में गोबर गैस प्लांट्स के द्वारा बिजली उत्पन्न की जा रही है। प्रदेश में ‘गौ-धाम‘ की स्थापना की जाएगी। स्थानीय नस्ल की बद्री गाय की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि गौधन को सर्वश्रेष्ठ धन माना जाता है। कोई भी समाज अपनी संकल्पशक्ति से ही लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। राज्य सरकार अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है। इसमें आमजन के सहयोग की भी आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों की लाईब्रेरी में ‘धेनु मानस‘ सदग्रंथ को उपलब्ध कराया जाएगा।

देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट/

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