उत्तराखंड : देहरादून के इस गांव की प्रधान के कुशल प्रबंधन के कायल हुए लोग, कामकाज समझने के लिए आते हैं कई राज्यों के पंचायत प्रतिनिधि
उत्तराखंड : देहरादून के इस गांव की प्रधान के कुशल प्रबंधन के कायल हुए लोग, कामकाज समझने के लिए आते हैं कई राज्यों के पंचायत प्रतिनिधि
जज्बा हो तो अल्प शिक्षा भी आड़े नहीं आती। उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित बड़कोट ग्राम पंचायत की प्रधान सरिता देवी इसका प्रमाण हैं। सिर्फ 10वीं पास सरिता की नेतृत्व क्षमता और कुशल प्रबंधन से यह ग्राम पंचायत स्वच्छ ग्रामीण परिवेश का तमगा पाने के साथ आदर्श पंचायत के रूप में भी ख्याति अर्जित कर रही है।
उनके इस प्रयास को पंचायती राज विभाग वर्ष 2022-23 में राज्य स्तर और वर्ष 2023-24 में जिला स्तर पर पुरस्कृत कर चुका है। ग्रामोत्थान में इस योगदान के लिए केंद्र सरकार ने इसी वर्ष गणतंत्र दिवस पर सरिता को नई दिल्ली आमंत्रित किया। उनकी पंचायत के कामकाज को जानने-समझने के लिए जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों के दर्जनों पंचायत प्रतिनिधि भ्रमण पर आ चुके हैं।
देहरादून से लगभग 30 किमी दूर स्थित डोईवाला ब्लाक की बड़कोट ग्राम पंचायत की आबादी करीब 9,000 है। यहां लगभग 1300 परिवार रहते हैं। 33-वर्षीय सरिता देवी वर्ष 2019 में प्रधान बनीं। तब पंचायत घर खस्ताहाल था। गांव में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी। पेयजल की भी किल्लत रहती थी। न सड़कें दुरुस्त थीं, न पथ प्रकाश की व्यवस्था ही थी।
प्रधान बनने पर सरिता ने सबसे पहले पंचायत को स्वच्छ बनाने के लिए कदम बढ़ाए। इसके लिए घर-घर कूड़ा उठान के साथ सूखे और गीले कूड़े को पृथक करने की प्रणाली विकसित की गई। साथ ही ग्रामीणों को स्वच्छता के लिए जागरूक किया।
गीले कूड़े से पंचायत में जैविक खाद बनती है, जबकि सूखे कूड़े को निस्तारण के लिए ऋषिकेश भेजा जाता है। इस कार्य के लिए यहां दो सफाईकर्मी तैनात हैं और कूड़ा उठान वाहन से होता है। पंचायत में सामुदायिक शौचालय भी है। वर्मी कंपोस्ट के 50 केंद्र और बायोगैस के 22 लाभार्थी भी हैं। सभी विकास कार्य 15वें वित्त, राज्य वित्त, मनरेगा और स्वजल योजना से कराए गए।
लगभग सात किमी क्षेत्र में फैली इस पंचायत में सुरक्षा के लिए प्रधान ने प्रमुख स्थानों पर 13 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। आमजन की सुविधा के लिए विभिन्न स्थानों पर 50 बेंच भी लगाई गई हैं। यहां माडल आंगनबाड़ी केंद्र के साथ हाईटेक पंचायत घर भी है। जहां गार्डन के साथ सीएससी सेंटर की सुविधा है। विभिन्न योजनाओं को दर्शाने के लिए प्रोजेक्टर भी उपलब्ध है। पंचायत घर में दो किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है, जिससे बिजली के साथ धन भी बच रहा है।
प्रधान सरिता जल संरक्षण को लेकर भी गंभीर हैं। इसके लिए उन्होंने चेक डैम बनवाने के साथ प्राकृतिक जलस्रोत का जीर्णोद्धार भी कराया। वर्षाजल के संग्रहण को 25 हजार लीटर क्षमता का टैंक और रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया। पंचायत में पानी की पर्याप्त व्यवस्था के लिए चार नलकूप लगवाए गए। किसानों के लिए सिंचाई गूलों की मरम्मत व निर्माण कराया गया है।
पंचायत में चकाचक सड़कों के साथ रात में रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था है। पंचायत के पास सीमित बजट होने के चलते प्रधान ने खुद लगभग 10 लाख रुपये खर्च करके 500 एलईडी लाइट लगवाईं। पंचायत निधि से भी 180 एलईडी लाइट लगाई गई हैं। वह जरूरतमंदों की आर्थिक मदद के साथ गरीब कन्याओं के विवाह में भी सहयोग करती हैं।
प्रधान सरिता को पंचायत की आमदनी का भी ख्याल है। उन्होंने पंचायत घर के समीप पांच दुकानें बनवाईं, जिनसे प्रतिवर्ष डेढ़ लाख रुपये की आय होती है। पंचायत में भवन निर्माण शुल्क भी लागू है। इसके अलावा पंचायत घर और पंचायत की भूमि को विवाह आदि कार्यक्रमों के लिए किराये पर देने से भी आमदनी हो रही है।
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट |