ऋषिकेश- बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है ऋषिकेश की चौरासी कुटिया, जरूर करें दीदार!
ऋषिकेश- बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है ऋषिकेश की चौरासी कुटिया, जरूर करें दीदार!
कुटिया का निर्माण सन् 1961 में महर्षि महेश योगी द्वारा योग और ध्यान की शिक्षा देने के लिए किया गया था. जिसके बाद 60 के दशक का प्रसिद्ध बीटल्स बैंड यहां ध्यान की खोज में पहुंचा. इसी बीटल्स बैंड 1968 में ऋषिकेश आकर महर्षि महेश योगी के इस आश्रम में रुके थे. जहां उन्होंने ध्यान की शिक्षा ली और तभी से यह बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है.
ऋषिकेश: योग नगरी ऋषिकेश में स्थित बीटल्स आश्रम एक काफी सुंदर जगह है. इन दिनों ऋषिकेश घूमने आए पर्यटकों की भीड़ यहां नजर आ रही है. यह बीटल्स आश्रम पवित्र गंगा नदी के निकारे स्थित है. बीटल्स आश्रम को चौरासी कुटिया के नाम से भी जाना जाता है.
इस कुटिया का निर्माण सन् 1961 में महर्षि महेश योगी द्वारा योग और ध्यान की शिक्षा देने के लिए किया गया था. इन्होंने भवतीत ध्यान को विश्व प्रसिद्ध बनाया और व वैज्ञानिक रुप से योग और ध्यान का महत्व समझाया. जिसके बाद 60 के दशक का प्रसिद्ध बीटल्स बैंड यहां ध्यान की खोज में पहुंचा. इसी बीटल्स बैंड के जॉन लेनन, पॉल मैक कार्टनी, जॉर्ज हैरिसन रिंगो स्टार सहित 1968 में ऋषिकेश आकर महर्षि महेश योगी के इस आश्रम में रुके थे. जहां उन्होंने ध्यान की शिक्षा ली. महर्षि सहित इन सभी की तस्वीरें यहां बनी फोटो गैलरी में मौजूद है. बीटल्स बैंड के यहां आने की वजह से यह चौरासी कुटिया बीटल्स आश्रम के नाम से भी जानी जाती है.
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बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है चौरासी कुटिया
इस बीटल्स आश्रम में हर जगह बोर्ड लगाए हुए है, जिनमें यहां की सभी जानकारी और यहां का इतिहास वर्णित है.बीटल्स आश्रम के भ्रमण के दौरान आपको इस समय बने किचन, महर्षि की कुटिया, पोस्ट ऑफिस, कमरें जोकि खंडित हो गए है देखने को मिल जाएंगे. साथ ही यहां पर्यटकों के लिए कैंटीन का भी इंतज़ाम है. आपकी जानकारी के लिए बता दें यहां अंदर जाने का शुल्क लगता है. भारतीयों के लिए 150 रूपये, विदेशियों के लिए 600 रूपये और अगर आप विद्यार्थी है तो आपको 75 रूपये एंट्री चार्ज देना होगा. साथ ही यह बीटल्स आश्रम सुबह 10 बजे खुल जाता है और 4 बजे से बाद एंट्री वर्जित है.
पर्यटकों को आकर्षित कर रहा बीटल्स आश्रम
दिल्ली से अपने परिवार के साथ घूमने आई प्रेरणा बताती है कि यह बीटल्स आश्रम उन्हें काफी पसंद आया. यहां अपनी संस्कृति के बारे में काफी कुछ जानने को मिलता है. साथ ही वे बताती है की ऋषिकेश को जैसे सभी ध्यान और योग का केंद्र मानते है. और यह अपने ध्यान और शांति के लिए सभी के बीच मशहूर है उसका एहसास यहां इस बीटल्स आश्रम में होता है. वहीं ऋषिकेश घूमने आए विहान बताते है कि वे पहली बार ऋषिकेश घूमने आए और नेट में सर्च कर वे यहां पहुंचे. वे बताते है यहां अपनी संस्कृति को जानने को मिलता है. साथ ही साथ उस समय किस तरह ऋषि मुनि यहां योग और ध्यान किया करते थे, उनकी कुटिया, उनका रहन सहन यहां देखने को मिलता है.,
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट