एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड ड्रग दिवस पर आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम

एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड ड्रग दिवस पर आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम!
Public awareness program organized on World Drug Day at AIIMS Rishikesh:-

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस (इंटरनेशनल डे अगेंस्ट ड्रग एब्यूज एंड इलिसिट ट्रैफकिंग) मनाया गया, इस अवसर पर संस्थान में मरीजों एवं उनके परिजनों, तीमारदारों को विभिन्न पब्लिक एरियाज में सोशल डिस्टेन्सिंग के नियमों का पालन करते हुए नशावृत्ति को लेकर जागरुक किया गया। जनजागरुकता कार्यक्रम में शिरकत करने वाले लोगों को अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान में संचालित ए. टी. एफ. के तहत ओपीडी और एडमिशन, दोनों तरह से उपचार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो कि मरीजों को निशुल्क दी जा रही हैं।
एम्स ऋषिकेश में वर्ल्ड ड्रग दिवस पर आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम में एटीएफ (एडिक्शन ट्रीटमेंट फैसिलिटी) से डॉ. तन्मय जोशी ने विभिन्न तरह के नशीले पदार्थों व दृव्यों को लेकर कई तत्थ्य एवं मिथकों के बारे में लोगों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड ड्रग रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में कैनाबिस (यानी भांग, गांजा, चरस आदि ) के साथ साथ शामक दवाइयों का गैर चिकित्सकीय उपयोग बहुत अधिक बढ़ गया है। दक्षिण एशियाई देशों के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2019 में हर 100 में से लगभग 3 व्यक्तियों ने कैनाबिस का उपयोग किया था। ए टी एफ काउंसलर तेजस्वी ने मरीजों के परिजनों को बताया कि किशोर वर्ग में इन्हेलन्ट्स का प्रयोग पाया जाना बेहद चिंताजनक है।

संस्थान के मनोचिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं ए.टी.एफ प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ. विशाल धीमान ने बताया कि उत्तराखंड परिक्षेत्र में लगभग 38 फीसदी लोग शराब का सेवन कर रहे हैं।

मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. रवि गुप्ता एवं फैकल्टी मेंबर डॉ. विक्रम रावत ने लोगों को बताया कि आमतौर पर नशा शराब से शुरू होता है और समय के साथ साथ निकोटीन और गांजा की ओर बढ़ता है, यह प्रवृत्ति व्यक्ति को धीरे धीरे हार्ड ड्रग्स की ओर ले जाती है।

आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून ऋषिकेश से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट

Public awareness program organized on World Drug Day at AIIMS Rishikesh:-

International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking was celebrated at All India Institute of Medical Sciences, on this occasion, patients and their relatives, family members were made aware about drug addiction by following the rules of social distancing in various public areas. was done. In his message to the people participating in the public awareness program, AIIMS Director Padmashree Professor Ravi Kant said that the A. T. F. Under this, treatment facilities are available both in OPD and admission, which are being provided free of cost to the patients. Dr. Tanmay Joshi from ATF (Addiction Treatment Facility) in the public awareness program organized on World Drug Day at AIIMS Rishikesh informed people about many facts and myths about different types of drugs and drugs. He told that according to the World Drug Report, the non-medical use of cannabis (i.e. cannabis, ganja, charas etc.) as well as sedative drugs has increased a lot in the world. Looking at the statistics of South Asian countries, in the year 2019, about 3 out of every 100 people used cannabis. ATF counselor Tejashwi told the relatives of the patients that it is very worrying to find the use of inhalants in the adolescent section. Dr. Vishal Dhiman, Associate Professor of the Department of Psychiatry of the Institute and Nodal Officer of ATF Project, said that about 38 percent of the people in the Uttarakhand region are consuming alcohol. Dr. Ravi Gupta, Head of the Department of Psychiatry and Dr. Vikram Rawat, Faculty member told the people that intoxication usually starts with alcohol and progresses towards nicotine and ganja with time, this tendency gradually leads the person towards hard drugs. She goes.

Amit Singh Negi reports from Dehradun Rishikesh for Idea for News

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