नौनिहालों की जान बचाने में कैसे कारगर -योगी राज में जानने के लिए क्लीक्ल करें।
नौनिहालों की जान बचाने में कैसे कारगर -योगी राज में जानने के लिए क्लीक्ल करें।
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जानिए योगी का अभिभावकों के वैक्सीन मैनेजमेंट का तरीका नौनिहालों की जान बचाने में कैसे कारगर होगा।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर का बच्चों पर होने वाले जानलेवा असर की खबरों ने सबके माथे पर चिंता की लकीरों को और आधिक फैला दिया है । जिस तरह कोरोना की दूसरी लहर ने सभी संभावित अनुमान से परे जाकर क्षति पहुंचाई है, उसे देखते हुए परंपरागत तरीकों से साथ साथ एकदम नए तरीकों से भी वायरस से बचने के तरीके ईजाद करने होंगे | योगी सरकार का कोरोना की तीसरी लहर में 12 साल से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए स्पेशल टीकाकरण शिविर लगवाने का फैसला उनमें से एक गैम चैंजर हो सकता है | बच्चों पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए उत्तराखंड समेत तमाम राज्य सरकारों को भी अभिभावकों के लिए वैक्सीनेशन मैनेजमेंट की इस नीति को अपनाने पर विचार करना चाहिए | फिलहाल समझते हैं किस तरह से बच्चों को कोरोना से बचाने में मददगार हो सकता है यह तरीका |
जिस तरह दुनिया में अधिक आबादी के चलते कोरोना जैसी महामारी से निपटना भारत जैसे देश के लिए सबसे कठिन है ठीक ऐसे ही हालात देश में उत्तर प्रदेश के होते हैं | वावजूद इसके कोरोना से निपटने में अब तक हालात यही बयां करते है कि योगी सरकार सभी बड़े प्रदेशों से बेहतर कार्य कर रही है | इसकी एक नयी बानगी है अभिभावकों को टीके में प्राथमिकता से नौनिहालों को बचाने की कोशिश | अन्य राज्यों की तरह वैक्सीन की कमी पर हो हल्ला मचाने की वजह वैक्सीन के बेहतर प्रबंधन के तहत लिए गए इस निर्णय में 12 वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों के अभिभावकों को अलग से वैक्सीन कैंप लगाकर शीघ्र अति शीघ्र टीका लगाया जाएगा | जानकारों के अनुशार चूंकि छोटी उम्र के इन तमाम बच्चों में संक्रमण का सबसे अधिक खतरा अपने मटा पिता से ही हो सकता है क्यूंकि वही उनके सबसे अधिक समपर्कमें आते हैं | लिहाजा उनका टीकायुक्त होना बच्चों को काफी हद तक कोरोना से सुरक्षित बना सकता है | यहाँ आलोचक कह सकते हैं कि परिवार के अन्य लोगों से होने वाले संक्रमण का क्या होगा | निसंदेह यह चिंता जायज है लेकिन वावजूद इसके इतना तय है कि माता पिता का कोरोना मुक्त होना उनके संक्रमित होने की संभावना को बेहद कम अवशय करेगा | इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार का हर जिले में बच्चों के लिए अलग से 20-25 बच्चों के लिए अलग से वार्ड बनाना भी सार्थक कदम साबित होगा है । हालांकि जापानी इंसेफलाइटिस से निपटने के लिए पूर्व में तैयार किए गए 38 अस्पतालों के विशेष वार्ड इसमें मददगार होंगे | अस्पतालों में बच्चों के लिए दवा व बेड हर समय उपलब्धता और अलग से रिजर्व एंबुलेंस का इंतजाम भी करने का निर्णय किया जाएगा । तीसरी लहर से बचाव के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा संस्थानों और महाविद्यालयों में 432 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड्स तैयार किए हैं । यहाँ ये बात गौरतलब होगी कि अस्पतालों में इंतेजाम के ये निर्णय धरातल पर कितने उतरते हैं |
वैक्सीन की कमी का रोना रोने और नौनिहालों पर संभावित संकट पर हौ हल्ला मचाने के बजाय उत्तराखंड समेत सभी राज्य सरकारों को बच्चों की सुरक्षा के लिए योगी सरकार के इस अप्रतायशित वैक्सीन मैनज़मेंट नीति को खुले मन से अपनाना चाहिए | सभी को एकसाथ वैक्सीन तुरंत देने की बेजा मांग के चलते देश में आए वैक्सीन की कमी संकट से सबक लेते हुए एक जागरूक समाज और सक्रिय सरकार होने के नाते हमें वैक्सीन को लेकर बेहद ज़िम्मेदारी से प्राथमिकताएँ तो तय करनी होगी | जो इस समय बच्चों के बचाव के लिए अभिभावकों के टीकाकरण पर आकर रुकती है |
कॉपी पेस्ट के साथ आभार।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए लखनऊ से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
Learn how Yogi’s method of vaccine management of parents will be effective in saving the lives of the young ones. The news of the possible third wave of corona’s fatal effects on children has further increased the lines of concern on everyone’s forehead. Given the way the second wave of corona has caused damage beyond all possible estimates, in the traditional ways as well as in completely new ways, the methods of virus survival will have to be devised. The Yogi government’s decision to set up a special vaccination camp for parents of children under 12 years of age in the third wave of Corona could be one of those gam changers. In view of the danger facing children, many state governments including Uttarakhand should also consider adopting this policy of vaccination management for parents. At the moment, understand how this method can be helpful in protecting children from corona. The way the epidemic like Corona is the most difficult for a country like India due to the large population in the world, the same situation happens in Uttar Pradesh in the country. In spite of this, the situation so far in dealing with this corona, states that the Yogi government is doing better work than all the big states. One of the new hallmarks of this is parents trying to save their children in vaccines with priority. Due to the lack of vaccine, as in other states, the decision taken under better vaccine management, parents of children under 12 years of age will be vaccinated at the earliest by setting up a separate vaccine camp. Followers of Experts Since these young children are most at risk of infection from their matcha fathers, because they come in contact with them the most. So their vaccination can make children safe from corona to a great extent. Here critics can say what will happen to the infection from other people in the family. Of course this concern is justified, but in spite of this it is so certain that the parents being corona free will reduce their chances of getting infected. Apart from this, the creation of separate wards for the children of 20-25 children in every district of the state government will also prove to be a meaningful step. However, special wards of 38 hospitals previously prepared to deal with Japanese encephalitis will be helpful in this. It will be decided to make available medicines and beds for children in hospitals at all times and also to provide separate reserve ambulances. To prevent the third wave, the Department of Medical Education has prepared 432 pediatric ICU beds in medical colleges, medical institutes and colleges. It will be important to note here that how much these decisions of the examination in hospitals come down on the ground. Instead of crying out for the lack of vaccine and fussing over the potential crisis on the naval colon, all the state governments including Uttarakhand should adopt this unpredictable vaccine management policy of the Yogi government for the protection of children with an open mind. Taking a lesson from the lack of vaccine that has come in the country due to the unreasonable demand for immediate vaccine delivery to all, as a conscious society and an active government, we have to set priorities with utmost responsibility regarding the vaccine. At this time, on coming to the rescue of children, parents stop on vaccination.
Thank you with copy paste
Amit Singh Negi reports from Lucknow for Idea for News.