पत्रकारों को वॉरियर् के साथ फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करे सरकार- मोर्चा !
पत्रकारों को वॉरियर् के साथ फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करे सरकार- मोर्चा !
Government should declare journalists as frontline workers with warriors
पत्रकारों को कोरोना वॉरियर्स के साथ-साथ फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करे सरकार- मोर्चा !
जान जोखिम में डालकर खबर संकलन का करते हैं काम, सरकार का इनकी तरफ नहीं है कोई ध्यान | # स्कूल फीस, मकान किराया व भरण-पोषण का इंतजाम करना हो रहा मुश्किल |#महामारी में हुई मौत पर परिवार की जिम्मेदारी वहन करे सरकार | विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि कोरोना काल में जिस बहादुरी के साथ पत्रकार साथी खबर संकलन कर समाज को हर छोटी-बड़ी खबरें पहुंचाते हैं, निश्चित तौर पर बहुत बड़ा काम है, लेकिन सरकार का ध्यान इनकी आर्थिकी एवं इनके परिवार की तरफ बिल्कुल नहीं है,जिस कारण ये सरकारी उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं | कहने को तो यह चौथा स्तंभ है, लेकिन यह स्तंभ (अधिकांश पत्रकारों के मामले में) कभी भी भरभरा कर गिर सकता है ! नेगी ने कहा कि सोशल मीडिया, पोर्टल, गैर मान्यता प्राप्त तथा अन्य प्रकार से सक्रिय भूमिका निभाने वाले मझोले पत्रकारों की आर्थिक स्थिति एक मजदूर से भी बद्तर हो गई है, जिस पर समय रहते ध्यान देने की आवश्यकता है |ऐसी महंगाई के दौर में पत्रकार साथी कराह रहा है, लेकिन सरकार के कानों में उसकी पीड़ा वाली गूंज सुनाई नहीं दे रही है | आलम यह है कि अधिकांश पत्रकार साथियों को बच्चों की स्कूल फीस, मकान किराया व भरण-पोषण करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है तथा इसके साथ-साथ इस महामारी में जान गंवाने का भय भी इनको खाए जा रहा है | मोर्चा सरकार से मांग करता है कि पत्रकार साथियों को कोरोना वारियर के साथ-साथ फ्रंटलाइन वर्कर घोषित कर इनकी आर्थिकी एवं परिवार की भी सुध ले |
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
Government to declare journalists as frontline workers along with Corona Warriors- Front!
They work to compile news by putting their lives at risk, the government does not have any attention on their side. # It is difficult to arrange school fees, house rent and maintenance. # Government should bear the responsibility of family on death in epidemic. Vikasnagar-Jan Sangharsh Morcha president and former vice-president of GMVN, Raghunath Singh Negi said that the bravery with which journalists collect news every day and bring every small news to the society during the Corona period is certainly a huge task, but the government Their attention is not at all towards their economy and their family, due to which they are falling prey to governmental neglect. This is the fourth pillar to say, but this column (in the case of most journalists) can collapse at any time! Negi said that the economic status of medium journalists who play social media, portal, unrecognized and otherwise active role has changed from a laborer who needs attention in time. The fellow is groaning, but his pained echoes are not heard in the ears of the government. Alam is that the school fees, house rent and maintenance of the children are proving to be crooked to most journalists and at the same time the fear of losing their lives in this pandemic is being consumed. The Front demands from the government that along with Corona Warrior, journalists should be declared frontline workers and take care of their economy and family.
Amit Singh Negi reports from Dehradun for Idea for News.