यूपी में सरकारी कर्मचारी अब नहीं कर सकेंगे हड़ताल, गवर्नमेंट ने लागू किया एस्मा !
यूपी में सरकारी कर्मचारी अब नहीं कर सकेंगे हड़ताल, गवर्नमेंट ने लागू किया एस्मा !
Government employees will no longer be able to strike in UP, government enforced ESMA :-
नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच यूपी में सरकारी कर्मचारियों की कई यूनियनें अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की तैयारी कर रही हैं. वहीं यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया है.
सरकारी सेवाओं में हड़ताल पर रोक
जानकारी के मुताबिक यूपी सरकार की ओर से लागू किए गए एस्मा कानून का पूरा नाम आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 है. इसके साथ ही यूपी में सभी सरकारी सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगा दी गई है. यूपी सरकार के अधीन सभी लोक सेवा, प्राधिकरण, निगम समेत सभी सरकारी विभागों पर यह आदेश लागू रहेगा.
छह महीने तक लगाया गया एस्मा
सूत्रों के अनुसार सरकार ने फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा लगाया है. जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं हालात ठीक होते देख इसे 6 महीने से पहले वापस भी लिया जा सकता है. इस कानून के लागू हो जाने के बाद राज्य में अति आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी छुट्टी एवं हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. सभी अति आवश्यक कर्मचारियों को सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. जो कर्मचारी आदेशों का उल्लंघन करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
वर्ष 1968 में बनाया गया था कानून
बताते चलें कि संकट की घड़ी में कर्मचारियों की हड़ताल को रोकने के लिए वर्ष 1968 में एस्मा (Esma) कानून बनाया गया था. यह भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है. एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्रों या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है.
बिना वारंट हो सकती है गिरफ्तारी
किसी राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा यह कानून (Esma) अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है. इस कानून के लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनका यह कदम अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है. एस्मा कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बिना वारंट गिरफ्तार किया जा सकता है.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए लखनऊ से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
New Delhi: Amidst the corona epidemic, many unions of government employees in UP are preparing for a strike on their demands. At the same time, the Yogi Adityanath government of UP has implemented ESMA law in the state, following a strict stance.
Strike on strike in government services
According to the information, the full name of the ESMA Act implemented by the UP government is the Essential Services Maintenance Act 1966. With this, the strike has been banned in all government services in UP. Under the UP government, this order will be applicable to all public services, authorities, corporations and all government departments.
Esma imposed for six months
According to sources, the government has currently imposed ESMA for 6 months. It can be extended further if needed. At the same time, it can be withdrawn before 6 months, seeing the situation is fine. After the implementation of this law, employees engaged in essential services in the state will not be able to go on leave and strike. It will be mandatory for all the urgent employees to follow the instructions of the government. Strict action will be taken against employees who violate orders.
The law was made in the year 1968
Let us tell you that Esma law was enacted in the year 1968 to stop the strike of employees in times of crisis. It is an Act passed by the Parliament of India. Employees affected by this are notified through newspapers or other means before applying ESMA.
Arrest can be done without warrant
This law (Esma) can be imposed by a state government or central government for a maximum period of six months. If the employees go on strike after the implementation of this law, then their action comes under the category of illegal and punishable. Any employee going on strike in violation of ESMA law can be arrested without warrant.
Amit Singh Negi reports from Lucknow for Idea for News.