22 जुलाई से संसद मार्च करेंगे किसान, ठुकराया पुलिस का ये प्रस्ताव !
22 जुलाई से संसद मार्च करेंगे किसान, ठुकराया पुलिस का ये प्रस्ताव !
Farmers will march to Parliament from July 22, this proposal of police rejected :-
किसान संगठन के एक नेता की ओर से कहा गया कि पुलिस ने 22 जुलाई से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के समक्ष प्रस्तावित प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन 22 जुलाई को संसद मार्च करेंगे. किसानों के इस प्रस्तावित कार्यक्रमों को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने रविवार को किसान संगठनों से वार्ता की है. किसान संगठन के एक नेता की ओर से कहा गया कि इसमें पुलिस ने 22 जुलाई से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के समक्ष प्रस्तावित प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया.
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘ हमने पुलिस को सूचित किया है कि मानसून सत्र के दौरान प्रतिदिन 200 किसान सिंघू बॉर्डर से संसद प्रदर्शन करने जाएंगे. यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा और प्रदर्शकारी की पहचान सुनिश्चित करने के लिए बिल्ले लगाएंगे.’’
गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 13 अगस्त को इसके समापन की तारीख तय की गई है. किसान संगठन इस सत्र के दौरान अपनी ओर से विरोध दर्ज कराना चाहते हैं और इसी को लेकर उन्होंने प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की है.
कक्का ने कहा कि आधार संख्या और फोन नंबर सहित प्रत्येक प्रदर्शनकारी की सभी जानकारी पुलिस को दी जाएगी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान का प्रस्ताव किया था और किसान संगठनों से प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा था, जिसे किसान नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है. कक्का ने कहा कि पुलिस सोमवार को अपना जवाब देगी, जिसके बाद प्रदर्शन का समय निर्धारित किया जाएगा.
पिछले साल सितंबर में बने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान गत नवंबर से ही दिल्ली की सीमा पर तीन स्थानों- सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा करीब 40 किसान संगठनों का सामूहिक मंच है, जो केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है. उसकी योजना मानसून सत्र के दौरान रोजाना संसद के सामने 200 किसानों द्वारा प्रदर्शन करने की है.
आइडिया फॉर न्यूज़ क लिए दिल्ली से हेमंत पंवार देहरादून से अमित सिंह नेगी के साथ ब्यूरो की रिपोर्ट
Farmers will march to Parliament from July 22, this proposal of police rejected :-
On behalf of a leader of the farmers organization, it was said that the police had asked to reduce the number of protesters in the proposed demonstration before Parliament against three agricultural laws from 22 July, which was rejected. Farmers’ organizations, which are continuously protesting against the three agricultural laws, will march to Parliament on July 22. Delhi Police has held talks with farmers’ organizations on Sunday regarding this proposed programs of farmers. On behalf of a leader of the farmers organization, it was said that in this, the police had asked to reduce the number of protesters in the proposed demonstration before Parliament against three agricultural laws from 22 July, which was rejected. Shiv Kumar Kakka, national president of Rashtriya Kisan Mazdoor Mahasangh said, “We have informed the police that during the monsoon session, 200 farmers will go to the Parliament from Singhu border every day. It will be a peaceful protest and we will wear a badge to ensure the identity of the protestor.” Significantly, the monsoon session of Parliament is starting from Monday and the date of its conclusion has been fixed on 13 August. Farmer organizations want to register their protest during this session and for this they have prepared a roadmap for the demonstration. Kakka said that all the details of each protester, including Aadhaar number and phone number, would be given to the police. He said that the police had proposed an alternative venue for the protest and asked the farmers’ organizations to reduce the number of protesters, which the farmer leaders rejected. Kakka said the police would give their reply on Monday, after which the timing of the protest would be fixed. Farmers have been protesting since November last year at three places along the Delhi border – Singhu, Tikri and Ghazipur border against the three agriculture laws made in September last year. Samyukta Kisan Morcha is a collective platform of about 40 farmer organizations, which is leading the protest against the central agricultural laws. He plans to hold demonstrations by 200 farmers in front of Parliament daily during the monsoon session.
Hemant Panwar from Delhi with Amit Singh Negi from Dehradun reports Bureau for Idea for News