पंजाब में हर साल होती है 1,200 करोड़ की बिजली चोरी, गांवों में सर्वाधिक 66% मामले !
पंजाब में हर साल होती है 1,200 करोड़ की बिजली चोरी, गांवों में सर्वाधिक 66% मामले !
Every year electricity theft of 1,200 crores occurs in Punjab, 66% of the cases in villages. :-
बिजली की भारी कमी के बीच पंजाब बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 1,140 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए रोजाना 12 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.
बिजली की भारी कमी के बीच पंजाब (Punjab Electricity News) बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 1,140 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए रोजाना 12 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, जबकि गांवों में बिजली चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है. धान के खेतों के लिए मुफ्त बिजली मिलने के बावजूद गांवों में हर साल 800 करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली की चोरी होती है. घरेलू और वाणिज्यिक शहरी उपभोक्ता 300 करोड़ रुपये की बिजली चोरी करते हैं, जबकि उद्योगों में सालाना 100 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बिजली चोरी के मामले सामने आते हैं.
प्रतिदिन होती है 3 करोड़ की बिजली चोरी
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोग पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) की आपूर्ति लाइनों से प्रति दिन 3 करोड़ रुपये की बिजली की चोरी कर रहे हैं, जिसमें ग्रामीण पंजाब में 66.66 प्रतिशत वितरण नुकसान कैपेसिटर, अवैध ‘कुंडियों’ का उपयोग करके बिजली चोरी के कारण होता है. इसमें मीटर से छेड़छाड़ भी शामिल है. पंजाब के कुछ हिस्सों में बिजली चोरी से पीएसपीसीएल को लगभग 14 प्रतिशत का वितरण नुकसान होता है.
पंजाब में हर साल होती है 1,200 करोड़ की बिजली चोरी, गांवों में सर्वाधिक 66% मामले
पंजाब में बिजली की समस्या बढ़ती जा रही है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बिजली की भारी कमी के बीच पंजाब बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 1,140 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए रोजाना 12 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है.
चंडीगढ़. बिजली की भारी कमी के बीच पंजाब (Punjab Electricity News) बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 1,140 मेगावाट बिजली खरीदने के लिए रोजाना 12 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है, जबकि गांवों में बिजली चोरी थमने का नाम नहीं ले रही है. धान के खेतों के लिए मुफ्त बिजली मिलने के बावजूद गांवों में हर साल 800 करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली की चोरी होती है. घरेलू और वाणिज्यिक शहरी उपभोक्ता ) 300 करोड़ रुपये की बिजली चोरी करते हैं, जबकि उद्योगों में सालाना 100 करोड़ रुपये प्रति वर्ष बिजली चोरी के मामले सामने आते हैं.
प्रतिदिन होती है 3 करोड़ की बिजली चोरी
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक लोग पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) (Punjab State Power Corporation Limited PSPCL) की आपूर्ति लाइनों से प्रति दिन 3 करोड़ रुपये की बिजली की चोरी कर रहे हैं, जिसमें ग्रामीण पंजाब में 66.66 प्रतिशत वितरण नुकसान कैपेसिटर, अवैध ‘कुंडियों’ का उपयोग करके बिजली चोरी के कारण होता है. इसमें मीटर से छेड़छाड़ भी शामिल है. पंजाब के कुछ हिस्सों में बिजली चोरी से पीएसपीसीएल को लगभग 14 प्रतिशत का वितरण नुकसान होता है.
पंजाब रोजाना खरीदता है 12 करोड़ की बिजली
बिजली की यह चोरी साल भर जारी रहती है. भले ही पंजाब बिजली की कमी से जूझ रहा है और हर दिन 12 करोड़ रुपये की बिजली खरीद रहा है, फिर भी ग्रामीण इसे चोरी करना जारी रखते हैं. विशेषज्ञों का कहना है अगर चोरी को नियंत्रित किया जाता है तो बिजली की लागत 1 रुपये प्रति यूनिट तक कम हो सकती है. वितरण नेटवर्क में औसतन 10 प्रतिशत की हानि के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में नुकसान 20-50 प्रतिशत से अधिक और ग्रामीण आपूर्ति लाइनों में 50-79 प्रतिशत से अधिक है.
बिजली चोरी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं कई उपकरण
PSPCL के एक फील्ड अधिकारी का कहना है कि हम यह जानकर हैरान रह गए कि ग्रामीण इलाकों में हर दूसरे घर में बिजली मीटरों को काम करने से रोकने के लिए स्मार्ट तरीके से उपकरण लगे हैं या बिजली चोरी करने के लिए स्थायी ‘कुंडियों’ का भी इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने कहा कि हम दबाव में हैं क्योंकि ये चोर राजनीतिक लॉबी से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं और अक्सर विधायकों और स्थानीय राजनेताओं के हस्तक्षेप के बाद छापे मारे जाते हैं. PSPCL प्रवर्तन विंग के एक अधिकारी ने कहा कि शहरों की तुलना में लगभग सभी गांवों में नुकसान अधिक है.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए चंडीगढ़ से सुमित कमबोज देहरादून से अमित सिंह के साथ ब्यूरो रिपोर्ट।
Every year electricity theft of 1,200 crores occurs in Punjab, 66% of the cases in villages. :-
Punjab is spending Rs 12 crore a day to buy 1,140 MW of power to meet the growing demand amid severe power shortage. In the midst of acute power shortage, Punjab is spending Rs 12 crore a day to buy 1,140 MW of electricity to meet the growing demand, while electricity theft in villages is not taking its name. Despite getting free electricity for paddy fields, more than Rs 800 crore of electricity is stolen every year in villages. Domestic and commercial urban consumers steal electricity to the tune of Rs 300 crores, while industries account for Rs 100 crores of electricity theft annually. 3 crore electricity theft happens every day According to a media report, people are stealing electricity worth Rs 3 crore per day from the supply lines of Punjab State Power Corporation Limited (PSPCL), in which 66.66 per cent distribution loss in rural Punjab by using capacitors, illegal ‘kunds’. Caused by theft. This also includes meter tampering. Power theft in some parts of Punjab causes distribution loss of about 14 per cent to PSPCL. 1,200 crore electricity theft occurs every year in Punjab, 66% of cases in villages The problem of electricity is increasing in Punjab. (symbolic picture) Punjab is spending Rs 12 crore a day to buy 1,140 MW of power to meet the growing demand amid acute power shortage. Chandigarh. In the midst of acute power shortage, Punjab is spending Rs 12 crore a day to buy 1,140 MW of electricity to meet the growing demand, while electricity theft in villages is not taking its name. Despite getting free electricity for paddy fields, more than Rs 800 crore of electricity is stolen every year in villages. Domestic and commercial urban consumers) steal electricity worth Rs 300 crores, while industries account for Rs 100 crores of electricity theft annually. 3 crore electricity theft happens every day According to a media report, people are stealing electricity worth Rs 3 crore per day from the supply lines of Punjab State Power Corporation Limited (PSPCL), in which 66.66 percent distribution loss in rural Punjab is due to capacitors, Electricity theft is caused by using illegal ‘kunds’. This also includes meter tampering. Power theft in some parts of Punjab causes distribution loss of about 14 per cent to PSPCL. Punjab buys electricity worth 12 crores daily This theft of electricity continues throughout the year. Even though Punjab is facing power shortage and is buying electricity worth Rs 12 crore every day, the villagers continue to steal it. Experts say that if theft is controlled, the cost of electricity can be as low as Re 1 per unit. The loss is more than 20-50 percent in urban areas and 50-79 percent in rural supply lines against an average of 10 percent loss in distribution network. Many devices are being used for theft of electricity A field officer of PSPCL says that we were surprised to learn that every other household in rural areas has smartly installed devices to stop electricity meters from working or even permanent ‘kunds’ to steal electricity. is used. He said that we are under pressure as these thieves are well connected with the political lobby and often raids are conducted after the intervention of MLAs and local politicians. An official of the PSPCL enforcement wing said that the damage is more in almost all the villages as compared to the cities.
Bureau Report for Idea for News Sumit Kamboj from Chandigarh with Amit Singh from Dehradun.