दिलबाग सिंह ने दिए संकेत, कश्मीर में बढ़ेंगी मुठभेड़ की घटनाएं; ड्रोन से हमले में जैश और लश्कर का हाथ!
दिलबाग सिंह ने दिए संकेत, कश्मीर में बढ़ेंगी मुठभेड़ की घटनाएं; ड्रोन से हमले में जैश और लश्कर का हाथ!
Dilbagh Singh gave indications, incidents of encounter will increase in Kashmir; Jaish and Lashkar’s hand in drone attack :-
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि ड्रोन जैसे खतरों से निबटने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और भी मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में ड्रोन के जरिए हथियार, विस्फोटक तथा मादक पदार्थ गिराने के पीछे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद का हाथ है.
डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद के सफाए के लिए आतंकवाद निरोधी अभियानों की गति और भी तेज की जाएगी, वहीं दूसरी ओर ड्रोन जैसे खतरों से निबटने के लिए सुरक्षा इंतजामों को और भी मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं. जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाई अड्डा परिसर में स्थित वायुसेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह कहा. कठुआ जिले में 27वें बेसिक रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग कोर्स (बीआरटीसी) की ‘पासिंग आउट परेड’ के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सिंह ने कहा कि रविवार को तड़के जम्मू में वायुसेना स्टेशन पर दो ड्रोन हमलों के पीछे लश्कर का हाथ होने का संदेह है.
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उन्होंने कहा, ‘जांच (वायुसेना स्टेशन पर विस्फोटक से लदे दो ड्रोन गिरने के मामले में) चल रही है. हम अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं जहां पर यह कह सकें कि वास्तव में इसके पीछे कौन है, लेकिन लश्कर भारतीय क्षेत्र में पहले भी हथियार, मादक पदार्थ गिराने और विभिन्न स्थानों पर विस्फोटक (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस या आईईडी) लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करता रहा है.
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जम्मू में साढ़े पांच किलो आईईडी के साथ एक आतंकवादी के पकड़े जाने के बारे में डीजीपी ने कहा कि एक ऐसे मॉड्यूल का खुलासा हुआ है जो भीड़भाड़े वाले स्थान पर उसी दिन आईईडी विस्फोट करने की साजिश रच रहा था जिस दिन वायुसेना स्टेशन पर दो ड्रोन से हमला हुआ था. डीजीपी ने कहा, ‘उस तरफ (पाकिस्तान की ओर से) से लश्कर के आतंकवादी ने आईईडी भेजा.
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उन्होंने आतंकवादियों की साजिश को नाकाम करने के लिए जम्मू पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की. सिंह ने कहा कि जम्मू में हमले से पहले, लश्कर द्वारा ड्रोन की मदद से हथियार गिराने की एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी थीं. उन्होंने कहा कि जो आईईडी मिला है उसमें आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ था. सिंह ने कहा, ‘इसे कुछ इस तरह बनाया गया कि इसे ड्रोन के जरिए ले जाया जा सके और गिराया जा सके.’
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डीजीपी ने कहा कि आतंकवाद के कारण जम्मू-कश्मीर बेहिसाब मौत और तबाही देख चुका है. उन्होंने कहा, ‘युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि आतंकवादियों ने बेगुनाहों का बहुत खून बहा लिया और अब समय आ गया है कि आतंकवाद को हर मोर्चे पर अस्वीकार किया जाए
घाटी में आतंकवादियों द्वारा स्थानीय युवाओं की भर्ती करने से जुड़े सवाल पर सिंह ने कहा कि भर्तियां अब भी जारी हैं, लेकिन पहले के मुकाबले इनमें बहुत कमी आई है. उन्होंने बताया, ‘हम युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों में शामिल कर रहे हैं
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मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ेंगी
सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच घाटी में मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ने के सवाल पर डीजीपी ने कहा, ‘और मुठभेड़ होंगी.’ उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग हैं जो शांति के दुश्मन हैं और निर्दोष लोगों के लिए खतरा हैं. वे आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं और जम्मू-कश्मीर के बाहर के (आतंकवादी) समूहों से जुड़े हुए हैं।
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उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम कायम है. उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी में समझौते के बाद से संघर्षविराम उल्लंघन की कोई घटना सामने नहीं आई है. हालांकि सीमा पार से ड्रोन के जरिए हथियार गिराने की घटनाएं हो रही हैं
डीजीपी से पूछा गया कि वायुसेना स्टेशन ड्रोन का इस्तेमाल हुआ वह पाकिस्तान से आया था
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए चंडीगढ़ से सुमित कम्बोज देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।