नशामुक्ति जनजागरुकता अभियानों में हमेशा अग्रसर रहा एम्स ऋषिकेश

नशामुक्ति जनजागरुकता अभियानों में हमेशा अग्रसर रहा एम्स ऋषिकेश

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी एवं डीन अकादमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी की दूरदर्शिता से एम्स संस्थान में अध्ययनरत सभी मेडिकल एवं पैरामेडिकल विद्यार्थियों के लिए यूथ सेंटर फरवरी 2020 में स्थापित किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं के साथ- साथ एम्स में कार्यरत युवा चिकित्सकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को नियमित काउन्सलिंग सेवा प्रदान की जाती है।
सेंटर में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेद्य ​दिवस (26 जून) के उपलक्ष्य में संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा विद्यार्थियों को ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से जागरुक किया गया। संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने संस्थान के मनोवैज्ञानिकों तथा मनोचिकित्सकों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि एम्स प्रशासन नशामुक्ति जनजागरुकता अभियानों में हमेशा अग्रसर रहा है और संस्थान की यह गतिविधियां आगे भी सततरूप से जारी रहेंगी।
काउंसलर डॉ. अरुणिमा सेनगुप्ता लाहिड़ी एवं ब्रुजिली अब्राहम ने बताया कि कोविडकाल में यूथ सेंटर द्वारा संस्थान के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इन सत्रों का मुख्य मुद्दा छात्र जीवन में नशे की लत, तनाव, इन कठिनाइयों से लड़ने का कौशल, इनका आंकलन तथा समन्वय रहा ।

यूथ सेंटर में कार्यरत मनोवैज्ञानिक डा. अरुणिमा सेनगुप्ता लाहिड़ी ने बताया कि नशे से जुड़े तथ्यों व मिथकों पर लगातार चर्चा करने से युवाओं को भ्रमित होने से बचाया जा सकता है, लिहाजा समाज में बढ़ती नशावृत्ति की रोकथाम के लिए इस तरह के प्रयास होते रहने चाहिंए। वहीं मनोवैज्ञानिक ब्रुजिली अब्राहम ने बताया कि किस तरह से छात्र-छात्राएं अपना आत्मविश्लेषण कर नशे की बुरी लत से खुद को बचा सकते हैं।

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