उत्तरखण्ड -दिवाली पर अनोखा अभियान… जगह-जगह तख्ती लेकर खड़े वॉलिंटियर दे रहे पशु रक्षा का संदेश!
उत्तरखण्ड -दिवाली पर अनोखा अभियान… जगह-जगह तख्ती लेकर खड़े वॉलिंटियर दे रहे पशु रक्षा का संदेश!
देहरादून के कई भीड़-भाड़ वाले इलाकों में इस संस्था के वालिंटियर एक तख्ती पर कुछ स्लोगन लिखकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. ताकि लोग जिस तरह से अपने पालतू पशुओं का ख्याल रखते हैं उसी तरह से सड़क पर घूमने वाले पशुओं का भी ख्याल रखें.
दिवाली पर पटाखों और अन्य आतिशबाजी से गाय और अन्य पशुओं को कोई नुक्सान न पहुंचे. इसके लिए दून एनिमल वेलफेयर संस्था अनोखा अभियान चला रही है. देहरादून के कई भीड़-भाड़ वाले इलाकों में इस संस्था के वालिंटियर एक तख्ती पर कुछ स्लोगन लिखकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. लोग जिस तरह से अपने पालतू पशुओं का ख्याल रखते हैं, उसी तरह से सड़क पर घूमने वाले पशुओं का भी ख्याल रखें. यह लोगों को उनकी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करने का भी है.
उनका कहना है कि जब तक कोई भी पशु उनके लिए उपयोगी रहता है तब तक वह उनको अपने पास रखते हैं. उसके बाद उन्हें आवारा सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं. इनमें सबसे ज्यादा दुर्दशा गाय की होती है. लोग गाय को तब तक घर में रखते हैं जब तक वह दूध देती है जब गाय दूध देना बंद कर देती है. तो वह उसे सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं. जिसके बाद गौ माता की दुर्दशा होने लगती है. ऐसे लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और गाय को किसी एनिमल शेल्टर होम या अपने घर में ही रखना चाहिए.
लोकल 18 से बातचीत करते हुए दून एनिमल वेलफेयर के को-फाउंडर अमित पाल बताते हैं कि गौ-माता की दुर्दशा के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. एक समय था जब गाय के दूध से दिवाली के लिए मिष्ठान तैयार किए जाते थे लेकिन आज गायों को सड़कों पर ऐसे ही खुला छोड़ दिया जाता है. दून एनिमल वेलफेयर देहरादून ऋषिकेश और विकास नगर में मुख्य रूप से गौ-सेवा के कार्य करती है. और लोगों को भी गाय के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा वह अन्य पशु सेवा के भी कार्य करते हैं जिनमें घायल पशुओं का इलाज किया जाता है और उन्हें एक पशु शेल्टर में शरण दी जाती है. जहां उनका ख्याल रखा जा सके.
5 सालों से चला रहे त्यौहारों पर अभियान
अमित पाल बताते हैं कि वह पिछले 5 सालों से देहरादून शहर के अंदर इस अभियान को चला रहे हैं. लोगों को पशु स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम कर रहे हैं. उनकी टीम देहरादून के अलग-अलग हिस्सों में जाकर स्लोगन के साथ तख्ती लेकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में खड़ी होती है. इससे लोग इनके अभियान से आकर्षित हो रहे हैं और इनके काम की सराहना कर रहे हैं. वह कहते हैं कि हर साल हम अपनी दिवाली गया और लावारिश पशुओं को डेडिकेट करते हैं. साथ ही लोगों से भी अपील करते हैं कि पटाखों को पशुओं से दूर जलाएं और उन्हें किसी प्रकार का कोई नुक्सान न पहुंचाए.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट।