प्रधानमंत्री मोदी ने की साल की पहली ‘मन की बात’, बोले- मिलेट्स योग की तरह जरूरी, इससे बढ़ रही लोगों की आय!
प्रधानमंत्री मोदी ने की साल की पहली ‘मन की बात’, बोले- मिलेट्स योग की तरह जरूरी, इससे बढ़ रही लोगों की आय!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, गणतंत्र दिवस पर साहसी परेड दिखी. कई लोगों ने मुझसे अपने विचार साझा किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा, गणतंत्र दिवस पर साहसी परेड दिखी. कई लोगों ने मुझसे अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा, इस महीने त्योहारों की रौनक रही. पीएम मोदी के मन की बात का ये 97वां एपिसोड है. ये इस वर्ष का पहला ‘मन की बात’ कार्यक्रम है. उन्होंने कहा, ‘गणतंत्र दिवस समारोह में अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है. जैसलमेर से पुल्कित ने मुझे लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा.’
उन्होंने कहा कि मिलेट्स सेहत के लिए जरूरी है. जैसे योग हमारे जीवन का हिस्सा है वैसे ही मिलेट्स भी स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. मिलेट्स खाने का हिस्सा बन रहा है. दुनिया मिलेट्स का महत्व समझ रही है. मिलेट्स की मांग से देश की ताकत बढ़ेगी. ओडिया मिलेट्स मिशन से जुड़ा है. मिलेट्स को बाजार तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ओडिशा की मिलेट्स के क्षेत्र में काम करने वाले लोग आगे आ रहे हैं. आजकल खूब सुर्खियों में हैं. आदिवासी जिले सुंदरगढ़ की करीब डेढ़ हाजर महिलाओं का सेल्फ हेल्प ग्रुप, ओडिशा मिलेट्स मिशन से जुड़ा है. यहां महिलाएं मिलेट्स से कुकीज, रसगुल्ला, गुलाब जामुन और केक तक बना रही हैं. इससे महिलाओं की कमाई भी बढ़ रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में एक छोटा लेकिन चर्चित गांव है- उतिरमेरुर. यहां 1100 वर्ष पहले का एक शिलालेख दुनिया भर को अचंभित करता है. यह शिलालेख एक छोटे संविधान की तरह है. इसमें विस्तार से बताया गया है कि ग्राम सभा का संचालन कैसे होना चाहिए और उसके सदस्यों के चयन की प्रक्रिया क्या हो.
प्रधानमंत्री मोदी ने पद्म पुरस्कार जीतने वाले रिसर्च के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों, जनजातिय भाषाओं पर काम करने वाले लोगों के बारे में बात की.
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि गोवा में दिव्यांग लोगों के लिए पर्पल फेस्ट का आयोजन किया गया है. ई-वेस्ट के बारे में जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ई-वेस्ट को ठीक से डिस्पोज नहीं किया गया तो यह हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन अगर सावधानीपूर्वक ऐसा किया जाता है तो यह रिसाइकिल और रीयूज की सर्कुलर इकॉनोमी की बहुत बड़ी ताकत बन सकता है.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।