स्कर्ट पहनकर स्कूल आ रहे हैं पुरुष टीचर्स, %
स्कर्ट पहनकर स्कूल आ रहे हैं पुरुष टीचर्स, बेहद दिलचस्प है इसकी वजह !
Male teachers are coming to school wearing skirts, the reason is very interesting :-
सोशल मीडिया पर अक्सर अलग-अलग तरह के कैंपेन चलते रहते हैं. ऐसा ही एक कैंपेन स्पेन में चल रहा है, जहां स्कूलों के टीचर स्कर्ट ( पहनकर आने लगे हैं. पूरे देश में इस कैंपेन ने एक आंदोलन का रूप ले लिया है.
डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2020 में स्पेन में एक छात्र के स्कर्ट पहनकर क्लास में आने के बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था. इसके साथ ही उसे मानसिक रूप से कमजोर बताकर मनोवैज्ञानिक के पास भेजा गया. इसके बाद उस बच्चे के सपोर्ट में पूरे देश में कैंपेन चल रहा है और टीचर्स के अलावा कई अन्य लोग स्कर्ट पहनने लगे हैं.
यह आंदोलन जेंडर इक्वालिटी को लेकर छेड़ा गया है और अब पूरे स्पेन में ‘द क्लॉथ्स हैव नो जेंडर’ कैंपेन चल रहा है. इस आंदोलन को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है.
स्कूल से निकाले जाने के बाद छात्र ने अपनी स्टोरी टिकटॉक (TikTok) के जरिए शेयर की और बताया कि वो इस तरह सिर्फ महिलावाद और विविधता का समर्थन करना चाहता था.
स्कर्ट पहनने की वजह से बच्चे को स्कूल से निकाले जाने के बाद मैथ टीचर जोस पिनास (Jose Pinas) ने द क्लॉथ्स हैव नो जेंडर (#LaRopaNoTieneGenero) आंदोलन नवंबर में शुरू किया गया. हालांकि यह अभियान ने पिछले महीने ज्यादा चर्चा में आया, जब विर्जेन डी सेसेडोन प्राइमरी स्कूल के टीचर मैनुअल ओर्टेगा और बोरजा वेलाक्वेज स्कर्ट पहनकर स्कूल पहुंच गए.
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
There are often different types of campaigns running on social media. One such campaign is going on in Spain, where teachers of schools have started coming wearing skirts. This campaign has taken the form of a movement across the country.
According to the report of DailyMail, in October 2020, a student in Spain was thrown out of school after coming to class wearing a skirt. Along with this, he was sent to a psychologist after being told that he was mentally weak. After this, a campaign is going on all over the country in support of that child and apart from teachers, many other people have started wearing skirts.
This movement has been waged on gender equality and now ‘The clothes have no gender’ campaign is running across Spain. This movement is getting support across the country.
After being expelled from school, the student shared his story through Tiktok and told that he only wanted to support feminism and diversity in this way.
The Cloths Have No Gender (#LaRopaNoTieneGenero) movement was started by math teacher Jose Pinas in November after a child was expelled from school for wearing a skirt. However, the campaign gained more attention last month, when teachers Manuel Ortega and Borja Velázquez from Virgen de Cesedón Primary School arrived at the school wearing skirts.
Amit Singh Negi reports from Delhi for Idea for News.