गहरा सकता है जल संकट अगर यह उपाए नहीं किये!
दुनिया के हर प्राणी के जीवन का आधार जल है। बावजूद इसके जल का दुरुपयोग भी किया जा रहा है। आलम ये है कि अगर अभी से ही जल को संरक्षित नहीं किया गया तो और पानी के
उपयोग करने में कमी नही लायी गयी तो आने वाले समय मे सभी को जल संकट के बड़े दौर से गुजरना पड़ेगा। ऐसे में अभी से बारिश के जल को संरक्षित करने की जरूरत है। ताकि आने वाले पीढ़ियों को जल के संकट से जूझना न पड़े।
उत्तराखंड वन विभाग ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर बड़ी पहल की है। जिससे एक बरसात की सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा। जल संरक्षण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे देहरादून के उप प्रभागीय वन अधिकारी के.पी वर्मा ने बताया कि देहरादून के रायपुर के वन्य क्षेत्र बड़ी तादात में छोटे-छोटे तालाब बनाए गए हैं। जिससे रेन वाटर को बहने से रोकने का प्रयास किया जा रहा हैं। इस प्रोजेक्ट से हर बरसात के सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी बचाया जा सकेगा। साथ ही इन क्षेत्रों में हुई बारिश का करीब 90 फीसदी पानी संरक्षित होगा और ये वर्षा का जल ग्राउंड वाटर को सीधा रिचार्ज करेगा। इस प्रोजेक्ट से आसपास रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों से राहत मिलेगी। क्योंकि बरसात के समय ये सारा वर्षा का जल पास के क्षेत्र में भर जाता था। लेकिन अब ऐसा नही होगा। उप प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए कच्चे तालाब, और छोटे- छोटे गढ्ढे बनाये गए हैं। जो बरसात के समय में पानी को एकत्र करने और सोखने की क्षमता रखते हैं।ये कच्चे तालाब और गढ्ढे ज्यादा से ज्यादा पानी को सोखते हैं। अभी फिलहाल 50 कच्चे तालाब बनाये गए हैं, और करीब 350 हेक्टेयर में छोटे छोटे गढ्ढे बनाये गए है। जिससे एक बरसात सीजन में करीब 3 करोड़ लीटर पानी संरक्षित होगा।
बाईट – के.पी वर्मा, उप प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून
वीओ-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देशवासियों से जल संरक्षण करने का संकल्प लेने का आह्वान कर चुके हैं। अब ये आवाज भी बुलंद होने लगी है कि सभी लोगों को मिलकर पानी संरक्षित करना चाहिए, इसके लिए घर या किसी सरकारी कैंपस में छोटे-छोटे कच्चे गढ्ढे बनाये क्योकि अगर छोटी जगहों पर अगर पानी संरक्षित होगा तो बहुत भारी मात्रा में जल संरक्षित होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के लिए कई पहल भी कर रही हैं। ऐसे में सिर्फ और सिर्फ जल संरक्षण की दिशा में आम जनमानस को एक दृढ़ संकल्प लेने की जरूरत है।
बाईट – केपी वर्मा, उप प्रभागीय वनाधिकारी, देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट