आज की पीढ़ी में संवाद,कम्युनिकेशन में मानवीय संवेदनाओं की कमी- मुरली मनोहर जोशी!

आज की पीढ़ी में संवाद,कम्युनिकेशन में मानवीय संवेदनाओं की कमी- मुरली मनोहर जोशी!

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राचीन व अर्वाचीन मूल्यों का सांमजस्य कर आगे बढ़ने से ही न्यू इण्डिया व विश्व शान्ति का सपना पूरा हो सकता है। अपने सांस्कृतिक मूल्यों की विरासत को अगली पीढ़ी को सौपने की महत्वपूर्ण  जिम्मेदारी हम पर है।
पीछे मुड़कर के देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शान्ति, सद्भाव व समृद्धि हमारी सभ्यता के सूत्र रहे है। हमारी संस्कृति में कहा गया है कि सत्य की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि  यह कड़वा सच है कि पश्चिम इधर आ रहा है तथा हम पश्चिम की ओर जा रहे है। आज तेजी आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था होते हुए भी ग्लोबल हैप्पीनेस इण्डेक्स में भारत का स्थान 133वां है। वल्र्ड पीस इण्डेक्स में देश 137वें पायदान पर हैं। ग्रोस ईको प्राॅडक्ट जब जीडीपी के साथ जुड़ जाता है तो यह ग्रोस हैप्पीनेस प्राॅडक्ट बन जाता है। दुनियाभर के लोग यहां योग व ध्यान के लिए आते है। आदि गुरू शंकराचार्य ने उत्तराखण्ड में ज्योर्तिमठ की स्थापना की। सनातन धर्म का पैगाम दुनिया को देने वाले स्वामी विवेकानन्द ने 1893 में शिकागो धर्म सम्मेलन में जाने से पहले उत्तराखण्ड में अल्मोड़ा, अगस्तमुनि तक उन्होंने यात्रा की। स्वामी विवेकानन्द ने यहां की दिव्य ऊर्जा को लेकर पश्चिम देशों में भारत के अध्यात्म का परचम लहराया तथा मानव कल्याण व विश्व शान्ति का सन्देश दिया। गांधी जी भी छः बार उत्तराखण्ड आए तथा अध्यात्मिक ऊर्जा अनुभव की।  
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को जौलीग्राण्ट स्थित स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में प्रणव मुखर्जी फाउण्डेशन द्वारा आयोजित ‘‘शान्ति, सामंजस्य  और प्रसन्नता के लिए परिवर्तनकाल से परिवर्तन’’ विषय पर आयोजित द्धि-दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर पदम विभूषण डा0 मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि समाज में परिवर्तन रचनात्मक व हितकारी होना चाहिए। हम वर्चुअल दुनिया में अधिक जी  रहे है। आज की पीढ़ी के आपसी संवाद या कम्युनिकेशन में मानवीय संवेदनाओं की कमी हो रही है यह अधिकाधिक डिजिटल, वर्चुअल व स्मार्टफोन पर निर्भर हो गया है। डा0 जोशी ने कहा कि मानवीय सम्बन्ध फंक्शनल होते जा रहे है। यह चिन्ताजनक है कि आज विश्व के विभिन्न देशों में  हिंसा, तनाव, अक्रामकता, विषमताएं, अल्प मानव विकास, निम्न शैक्षणिक व पोषण स्तर व विभिन्न समस्याएं व्याप्त है।
इस अवसर पर विजय धस्माणा, कर्नल बक्शी, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता मंमगाई, विभिन्न विश्वविद्यलायों के कुलपति व छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *