तेलंगाना की राजधानी में इन्वेस्टर्स समिट के लिया रोडशो !

तेलंगाना की राजधानी में इन्वेस्टर्स समिट के लिया रोडशो !

 उत्तराखण्ड सरकार के माननीय वन श्रम और आयुष मंत्री  हरक सिंह रावत  ने राज्य में निवेश के अवसरों के बारे में निवेशकों को संबोधित किया
उत्तराखण्ड सरकार ने 7-8 अक्टूबर 2018 को होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिटकी तैयारी में गुरूवार को हैदराबाद, तेलंगाना में एक रोड शो किया। यह उत्तराखण्ड राज्य का पहला निवेशक सम्मेलन होगा जिसका आयोजन देहरादून में किया जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
वन श्रम और आयुष मंत्री डाॅ.हरक सिंह रावत और मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने इस रोडशो को संबोधित किया। इस अवसर पर बेंगलुरु में उत्तराखण्ड सरकार के कुछ अधिकारियों ने भी भीड़ को संबोधित किया जिनमें श्रीमती मनीषा पंवार, प्रधान सचिव, इंडस्ट्रीज; श्रीमती सौजन्या, डायरेक्टर जनरल एवं कमिश्नर, इंडस्ट्रीज, और एमडी, सिडकुल, उत्तराखंड सरकार और अमित सिन्हा, डायरेक्टर, इनफाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए), उत्तराखण्ड सरकार शामिल थे। उत्तराखण्ड के सरकारी अधिकारियों के अतिरिक्त सहित काॅर्पोरेट जगत के अनेक लीडर और विशेषज्ञ भी मौजूद थे। इनमें प्रमोद कुमार गुप्ता, प्रबंध निदेशक एवं गोपाल मोर, निदेशक, मुसद्दीलाल प्रोजेक्ट्स;वी विश्वनाथ, वाइस प्रेसिडेंट, काॅर्पोरेट बिजनेस सर्विसेज, डाॅ. रेड्डी लैबोरेटरीज लिमिटेड;एम एन राजू, चेयरमैन, एमएनआर ग्रुप; डाॅ एस आनंद रेड्डी, एस श्रीनिवास रेड्डी, सदाशिव रेड्डी, निदेशक, सागर सीमेंट्स लिमिटेड;अतीक सिद्दीकी, निदेशक, लिंकबिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, श्री विक्रम कैलास, प्रबंध निदेशक व सीईओ, मित्रा एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड;डी राजू, प्रबंध निदेशक, किर्बी बिल्डिंग सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड;वागीश दीक्षित, प्रबंध निदेशक, अल्पला इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और अयोध्या रामी रेड्डी, चेयरमैन, रामकी एनविरो इंजीनियर्स आदि शामिल थे।
इस रोडशो का मुख्य उद्देश्य लोगों को उत्तराखण्ड में निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी देना और डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड: इन्वेस्टर्स समिट 2018’ के लिए सक्रिय भागीदारी के लिए आकर्षण पैदा करना था। रोडशो को उत्साहवर्द्धक समर्थन मिला तथा तेलंगाना के निवेशकों ने अपनी दिलचस्पी का प्रदर्शन किया। उत्तराखण्ड सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के 12 प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों को उजागर किया जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी एवं फूलों की खेती, हर्बल एवं एरोमैटिक, पर्यटन एवं आतिथ्य, तंदुरुस्ती एवं आयुष, औषधि, आॅटोमोबाइल, कुदरती रेशे, सूचना प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी एवं फिल्म शूटिंग सम्मिलित हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा, ‘‘उत्तराखण्ड उत्तर भारत में निवेश करने के लिए सबसे समृद्ध बाजारों में से एक है और यहां से दिल्ली एनसीआर एवं उत्तर प्रदेश और शेष उत्तर भारत जैसे घरेलू बाजारों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। राज्य की प्रमुख औद्योगिकी एवं तकनीकी केंद्रों से शानदार संपर्कशीलता है और यह हवाई एवं सड़क मार्गों के जरिये देहरादून से जुड़े हैं। अगले 6 महीनों में इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है।
हम विभिन्न निवशकों एवं उद्योगों के लिए 50 प्रमुख निवेश परियोजनाओं की घोषणा करने की प्रक्रिया में हैं, इसका विवरण जल्द ही हमारी वेबसाइट पर साझा किया जायेगा। हम आपके सुझाव एवं जानकारी पाकर खुश होंगे और उत्तराखंड में उद्योग विकसित करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। हमें हैदराबाद और तेलंगाना क्षेत्र के साथ स्वस्थ संबंध बनाकर खुशी हो रही है।‘‘
श्रीमती मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव, इंडस्ट्रीज, उत्तराखण्ड ने कहा कि, श्हमारे राज्य में अनेक कृषिक-भौगोलिक-जलवायु क्षेत्र हैं जहाँ खासकर अक्षय ऊर्जा, फूल की खेती, हर्बल और एरोमेटिक, फार्मा, बायोटेक्नोलाॅजी, आइटी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए भौगोलिक लाभ प्रस्तुत करते हैं।
उत्तराखण्ड में साक्षरता दर 79 प्रतिशत है और यहां विभिन्न उद्योगों के लिए कुशल जनबल की भरमार है। जहां तक यात्रा की बात है, राज्य के लिए रेल, सड़क और हवाई संपर्कशीलता शानदार है और देहरादून से हर दिन 22 उड़ानें उड़ान भर रही हैं।‘‘
अमित सिन्हा, डायरेक्टर, इनफाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए), उत्तराखण्ड ने कहा कि, ”उत्तराखण्ड सरकार अपने राज्य में आइटी सेक्टर को आगे बढ़ाने पर काफी जोर दे रही है। सरकार की नीतियों और पहलकदमियों से निवेश के अनंक अवसर उत्पन्न हुए हैं। इसमें इलेक्ट्राॅनिक्स विनिर्माण क्लस्टर, इनक्यूबेशन संेटर और ग्रामीण बीपीओ आदि की स्थापना सम्मिलित है। विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में कारेाबारी की उत्कृष्ट परिस्थितियां और शानदार टैलेंट पूल मौजूद है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र के बारे में उत्तराखण्ड सरकार ने पीपीपी पद्धति पर निवेश के विभिन्न अवसरों की चर्चा करते हुंए मेडिसिटी/हेल्थकेयर सिटी, हब और स्पोक पद्धति पर नैदानिक सुविधा, खाद्य एंव औषधि परीक्षण एवं आर ऐंड डी केन्द्र एवं अन्य गतिविधियों के विकास की जानकारी दी।
राज्य के विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने तथा समग्रतापूर्ण आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने नीतिगत मामलों में अनेक कदम उठाए हैं।
उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों, विशेषकर जल एवं वन संपदा से समृद्ध है। यहाँ अनेक हिमनद और घने जंगल मौजूद हैं जिनके कारण यह साहसिक अभियानों, छुटिट्टयों और आरोग्य पर्यटन के लिए एक आदर्श स्थल है।
उत्तराखण्ड राज्य में उधम सिंह नगर, हरिद्वार, आदि में भारी संख्या में मौजूद अनुषंगी इकाइयों के साथ काफी पुराने और प्रतिष्ठित व्यावसायिक घरानों का एक सुस्थापित औद्योगिक आधार भी है। प्रमुख कंपनियों ने उत्तराखण्ड के सौहार्दपूर्ण कारोबारी माहौल को देखते हुए यहाँ अपनी इकाइयाँ स्थापित की हैं और अपने-अपने अत्याधुनिक परिचालन पद्धतियों से स्थानीय उत्पादन माहौल में प्राण फूँक रहे हैं।
डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट 2018 के विषय में
उत्तराखण्ड सरकार राज्य द्वारा चिन्हित 12 प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्रों से जुड़े सभी विभागों के समन्वय में 7-8 अक्टूबर, 2018 को उत्तराखण्ड इन्वेस्टर्स समिट 2018’ का आयोजन कर रही है। उद्योग निदेशालय में स्थित निवेश संवर्धन एवं सुविधा केन्द्र आयोजन के सचिवालय के तौर पर काम कर रहा
इस समिट में, राज्य में औद्योगिक विकास की गति तेज करने के लिए मुख्य रूप से 12 फोकस सेक्टरों पर केंद्रण किया जायेगा जिनमें खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी एवं फूलों की खेती, हर्बल एवं एरोमैटिक, पर्यटन एवं आतिथ्य, तंदुरुस्ती एवं आयुष, औषधि, आॅटोमोबाइल, कुदरती रेशे, सूचना प्रौद्योगिकी, अक्षय ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी एवं फिल्म शूटिंग सम्मिलित हैं। इससे घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों को इन क्षेत्रों में निवेश एवं व्यापार के अवसर उपलब्ध होंगे।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

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