हैण्डलूम के उत्पादों के इस्तेमाल से देश के विकास में होता है सहयोग–सी एम!
हैण्डलूम के उत्पादों के इस्तेमाल से देश के विकास में होता है सहयोग–सी एम!
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हैण्डलूम के उत्पादों का इस्तेमाल कर हम इस कार्य से जुड़े मजदूर की पसीने की कीमत उन्हें अदा करते है। यदि हम हैण्डलूम के उत्पादों को खरीदते है तो देश के गरीबों के श्रम का सम्मान करते है। हैण्डलूम भारत में कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है जो लगभग 65 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को परेड ग्राउण्ड में आयोजित नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में देश के विभिन्न राज्यों से आये बुनकर समूहों के उत्पादों का अवलोकन कर उनके उत्पादों की सराहना की।
एक्सपो में आये बुनकरों ने बताया कि वे वर्षो से इसमें प्रतिभाग करते आ रहे है। इससे यह अहसास होता है कि यहां पर उनके उत्पादों को लोगों द्वारा काफी पसन्द किया जाता है।
उन्होंने कहा कि हैण्डलूम के वस्त्रों का उपयोग कर हम देश के विकास में भी योगदान देते है, इस क्षेत्र में कार्य करने वाले क्षेत्रों में स्वालकुची, आसाम, भागलपुर, संथाल परगना व देवघर का उन्होंने विशेष उल्लेख किया।
उन्होंने बताया कि देहरादून में भारत सरकार की इस योजना के अन्तर्गत गत 10 वर्षों में नेशनल हैण्डलूम एक्सपो का नियमित आयोजन उद्योग निदेशालय, उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद द्वारा किया जा रहा है। इस वर्ष यह आयोजन 31 दिसम्बर, 2017 से 13 जनवरी, 2018 तक किया जा रहा है।
नौटियाल ने बताया कि नेशनल हैण्डलूम एक्सपो, देहरादून में देश के 14 राज्यों के साथ उत्तराखण्ड के 46 समितियों/व्यक्तिगत बुनकारों सहित शीर्ष हथकरघा संगठन एवं बुनकर समूह अपने उत्पादों सहित प्रतिभाग कर रहे है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, सचिव श्रीमती सौजन्या, भाजपा नेता सुनिल उनियाल गामा, पंकज गुप्ता आदि उपस्थित थे।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /