हिमाचल के धर्मशाला में 56 MM पानी बरसा, फिर बंद हुआ कालका-शिमला हाईवे, चक्की मोड़ पर दोबारा गिरा पहाड़!

हिमाचल के धर्मशाला में 56 MM पानी बरसा, फिर बंद हुआ कालका-शिमला हाईवे, चक्की मोड़ पर दोबारा गिरा पहाड़!

हिमाचल प्रदेश में अगले पांच दिन तक मौसम खराब रहेगा. दो दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. उधर, जुलाई माह की बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. एक से 31 जुलाई तक हिमाचल में 255.9 एमएम बारिश सामान्य तौर पर होती थी, लेकिन इस बार 437.5 एमएम बारिश हुई है. साल 2010 के बाद प्रदेश में इतनी बारिश कभी नहीं हुई.

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है. सूबे के कई इलाकों में जमकर पानी बरस रहा है. आलम यह है कि लैंडस्लाइड भी देखने को मिल रहे हैं. सोलन जिले के परवाणू में बीती रात ढाई बजे कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर लैंडस्लाइड हो गया. यह मार्ग करीब 10 घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल हो पाया था, लेकिन अब दोबारा चक्की मोड़ पर पहाड़ से लैंडस्लाइड होने से यह मार्ग बंद हो गया है. फिलहाल, मार्ग पर मशीनरी लगी हुई है. बड़ी बात यह है कि हाईवे का 40 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से धंस गया है और पहाड़ को काटकर नई सड़क बनाई जा रही है.

इससे पहले हिमाचल प्रदेश में बीते 12 घंटे में धर्मशाला में सबसे अधिक 56 एमएम बारिश हुई है. इसके अलावा, नगरोटा में 26 एमएम पानी बरसा. गौरतलब है कि हिमाचल को बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं है. दो और तीन जुलाई को येलो अलर्ट रहेगा और 4 और पांच जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. सूबे में 6 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा.

सेब बागवानों की मुश्किल
हिमाचल प्रदेश में सेब बागवानों की मुश्किल बारिश से बढ़ी है. संपर्क मार्ग बंद हैं और ऐसे में मंडियों तक सेब पहुंचाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शिमला में सबसे अधिक सेब शिमला सेब उत्पादन करने वाला सूबे का सबसे बड़ा जिला है. राज्य आपदा प्राधिकरण के अनुसार शिमला जिले के रामपुर सब डिविजन में सबसे ज्यादा 50 सड़कें बंद हैं, शिमला ग्रामीण में 3, ठियोग में 3, कोटखाई में 5, जुब्बल में 8, रोहड़ू में 12, चौपाल में 15, कुपवी में 2, कुमारसैन में 9 और डोडरा क्वार उप मंडल में 2 सड़कें बंद पड़ी हैं.

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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए शिमला से ब्यूरो रिपोर्ट।

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