उत्तरकाशी में तेजी हो रही वर्टिकल खुदाई, 30 मीटर नीचे तक पहुंची रेस्क्यू टीम!

उत्तरकाशी में तेजी हो रही वर्टिकल खुदाई, 30 मीटर नीचे तक पहुंची रेस्क्यू टीम!
360 घंटे से उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए कोशिशें जारी हैं. आइए रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा लेटेस्ट अपडेट जानते हैं.

उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन का 16वां दिन है. और खबर आ रही है कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में येलो अलर्ट जारी किया है. उत्तरकाशी समेत कई जगह बारिश (Rainfall) के आसार हैं और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है. बारिश से ऑपरेशन में परेशानी आ सकती है. इस बीच, रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने कमान संभाल ली है. उत्तरकाशी में मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऑगर मशीन के फेल होने के बाद अब वर्टिकल ड्रिलिंग जारी है. उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का हर अपडेट यहां जानिए.
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू का लेटेस्ट अपडेट
माइक्रो टनलिंग एक्सपर्ट क्रिस कूपर ने कहा कि वर्टिकल खुदाई का काम तेजी से चल रहा है. खुदाई 30 मीटर तक की जा सकती है. सुरंग में मजदूरों तक पहुंचने के लिए करीब 86 मीटर खोदना पड़ेगा. अभी 56 मीटर खुदाई और करने की जरूरत है.
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा उत्तरकाशी में टनल वाली साइट पर पहुंच गए हैं. वे अधिकारियों से मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन की डिटेल्ड रिपोर्ट लेंगे.
– टनल के भीतर फंसी ऑगर मशीन निकाल ली गई है. अगले कुछ घंटों में मैनुअली मलबा हटाने का काम शुरू होगा. रैट माइनर्स टीम के 15 सदस्य मलबा हटाने का काम करेंगे. टीम लीडर राधेश्याम दुबे उर्फ हनुमान दुबे के नेतृत्व में ये काम होगा. एक्सपर्ट का दावा है कि अगले 20 से 24 घंटे में कामयाबी मिल सकती है. अधिकतम 10 मीटर खुदाई होनी है लेकिन ये दूरी कम भी हो सकती है. रैट माइनर्स टीम का दावा है कि वो 1 मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से खोद देंगे. ऐसे में आज रात तक अच्छी खबर मिलने की उम्मीद है.
मौसम विभाग ने उत्तरकाशी में अगले 2 दिन में बारिश की संभावना जताई है, जिससे ऑपरेशन में कुछ परेशानियां आ सकती हैं.
– उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजूदरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. तमाम कोशिशें की जा रही हैं ताकि जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जा सके. ऑगर मशीन में बार-बार आ रही खराबी के बाद अब पहाड़ से ड्रिलिंग शुरू की गई है. और ड्रिलिंग का काम करीब 20 मीटर तक पहुंच गया है.
– रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन के प्लान बी के तहत सुरंग के ऊपर वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू की है. पहले दिन करीब 20 मीटर तक खुदाई की गई और रेस्क्यू रूट बनाने के लिए 700 मिमी चौड़े पाइप डाले जा रहे हैं. इसके साथ ही थोड़ी दूरी पर एक पतली 200 मिमी पाइप को भी अंदर धकेला जा रहा है. ये पाइप करीब 78 मीटर तक पहुंच गया है.
– सिल्क्यारा टनल में फंसे मजदूर के परिवार से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने चम्पावत में मुलाकत की. मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि टनल में फंसे सभी श्रमिकों को जल्द सुरक्षित निकाला लिया जाएगा. नैनीताल में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सिल्कयारा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से प्रयास कर रही है.
– रेस्क्यू टीम की मॉनिटरिंग कर रहे अफसरों ने साफ किया है कि ऑपरेशन बेहद जटिल प्रक्रिया है. और वो इस काम के लिए 15 दिन का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. हालांकि अफसरों ने ये भी साफ किया है कि उन्होंने वो जगह तलाश ली है. जहां से 86 मीटर ड्रिलिंग की जानी है और ड्रिलिंग का ये काम जल्द पूरा हो सकता है.
– सड़क और परिवहन विभाग के अतिरिक्त सचिव तकनीकी महमूद अहमद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले दो दिन बाद से यानी 28 नवंबर से इसकी ड्रिलिंग शुरू होगी. यह एक लंबी प्रक्रिया है. हमारे पास 15 दिनों का लक्ष्य है. हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं. डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है. हम इन विभिन्न पक्षों पर काम कर रहे हैं. बड़कोट की ओर से ड्रिलिंग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. हमने कल से 2-3 और विकल्पों पर काम करना शुरू कर दिया है.
महमूद अहमद ने कहा कि हमने SJVNL को हमारे लिए 1-1.2 मीटर व्यास की वर्टिकल ड्रिलिंग करने के लिए कहा है. हमने उन स्थानों की पहचान की है जहां से बेहतर ड्रिलिंग हो सकती है. लगभग 15 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है. हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है. यह अगले 2 दिनों में पूरी हो जाएगी.

– वर्टिकल ड्रिलिंग के अलावा एक और प्लान पर भी काम किया जा रहा है. इन सभी प्लान को प्रभावी बनाने के लिए तमाम टीमों के आला अफसर मंथन कर रहे हैं क्योंकि सभी प्लान का एक ही मकसद है कि टनल के अंदर फंसे 41 मजदूरों को किसी भी हाल में बाहर निकालना है.

– प्लान नंबर-1 है कि वर्टिकल ड्रिलिंग जो कि मौके पर की जा रही है और इसमें शुरुआती तौर पर मिली सफलता अच्छे रिजल्ट का संकेत दे रही है.

– प्लानं नंबर-2 है साइड-वे ड्रिलिंग. इस प्लान के तहत मशीनों के साइट पर पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. वहीं, जहां तक प्लान नंबर 3 की बात है तो इस प्लान के तहत ड्रिफ्ट तकनीक का सहारा लिया जाएगा. इसके तहत ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को हटाकर पाइप को स्थिर रखा जाएगा. इसके लिए हैदराबाद से लाए गए प्लाज्मा कटर की मदद ली जा रही है.

– इधर सीएम धामी मजदूरों के रिश्तेदारों का हौसला बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सीएम धामी ने टनकपुर के मजदूर पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार के लोगों से मुलाकात की और धैर्य रखने की अपील की. सीएम धामी ने उम्मीद जताई की ऑगर मशीन का फंसा हुआ हिस्सा जल्द निकलेगा जिसके बाद ड्रिलिंग के काम में तेजी आएगी.

– जाहिर है ऑपरेशन बेहद जटिल मोड़ पर है. और अब तक सफलता महज 10 मीटर दूर बची थी. लेकिन अमेरिकन ऑगर मशीन के पुर्जे टूटने से ऑपरेशन कामयाब

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