इजराइल हमास वॉर क्या है इजरायल का ‘ब्रह्मास्त्र’ जेरिको बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम? जिससे कांप उठेगा हमास!
इजराइल हमास वॉर क्या है इजरायल का ‘ब्रह्मास्त्र’ जेरिको बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम? जिससे कांप उठेगा हमास!
हमास और इजरायल की जंग जारी है. इस बीच, इजरायल की लिकुड पार्टी की एक नेता टैली गोटलिव ने मांग की है कि जेरिको बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल करना चाहिए. इसको लेकर टैली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई पोस्ट किए. टैली ने एक पोस्ट में लिखा कि जेरिको मिसाइल! फोर्स को ऑपरेशन शुरू करने से पहले डूम्सडे वेपन के बारे में सोचना चाहिए, ये मेरा विचार है. ईश्वर हमारी सारी शक्ति बनाए रखें. दरअसल टैली के इस ट्वीट के बाद आशंका जताई जा रही है कि इजरायल जेरिको बैलिस्टिक मिसाइल के इस्तेमाल पर भी विचार कर सकता है. आइए जानते हैं कि इजरायल की जेरिको बैलिस्टिक मिसाइल कितनी खतरनाक है और यह कितनी तबाही मचा सकती है.
इजराइल का ये बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम, 1960 के दशक में शुरू हुआ था और इसका नाम वेस्ट बैंक में स्थित Biblical सिटी के नाम पर रखा गया था. इस प्रोग्राम की शुरुआत में फ्रांस की कंपनी एयरोस्पेस कंपनी डसॉल्ट भी साथ थी लेकिन 1969 में वह पीछे हट गई तो इजराइल ने इसे खुद विकसित किया. जान लें कि इजरायल का जेरिको-1 मॉडल 1973 में बनकर सामने आ गया था. योम किप्पुर युद्ध के दौरान इजरायल की ये बड़ी उपलब्धि थी.
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के मुताबिक, जेरिको-1 को 90 के दशक में रिटायर कर दिया गया था. उसका वजन 6.5 टन, लंबाई 13.4 मीटर और व्यास 0.8 मीटर था. इसकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर थी. यह 1 हजार किलोग्राम को पेलोड उठाने में सक्षम था. यह 1000 किलोमीटर के रेडियस में किसी भी टारगेट को निशाना बना सकता था.
हालांकि, इजरायल ने 80 के दशक में ही Jericho-2 विकसित कर लिया था. Jericho-2 की लंबाई 15 मीटर और व्यास 1.35 मीटर था. यह भी 1 हजार किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम था. Jericho-2 की रेंज बढ़कर डेढ़ हजार किलोमीटर से साढ़े 3 हजार किलोमीटर तक हो गई थी. Jericho-2 से इजरायली सेना को काफी मजबूती मिली.
कॉपी पेस्ट विद थैंक्स
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट।