राज्य स्तरीय एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन!

राज्य स्तरीय एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन!

देहरादून के एक स्थानीय होटल में आपदा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। सेमीनार में वित्त मंत्री प्रकाश पन्त द्वारा ’’डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस’’ लांच किया गया।
 वित्त मंत्री पंत द्वारा आपदा प्रबन्धन चक्र के महत्वपूर्ण बिन्दु न्यूनीकरण, पुनर्वास, आपदा जोखिम, रिकवरी पर विशेष बल दिए जाने को कहा गया। उन्होंने कहा कि आपदा को रोका तो नहीं जा सकता है, किन्तु इसे कम से कम किये जाने का प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विभागों को इससे जोड़ा जाएगा, ताकि अत्यन्त संवेदनशील क्षेत्रों के निर्माण कार्यों को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वयन कार्य को किया जा सके। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के बाद भी हम मानव हानि को रोकने में काफी हद तक सफल हुए है, जो कि प्रदेश में आपदा प्रबंधन की तैयारियों के कारण संभव हो पायी है। उन्होंने कहा कि अनियोजित निर्माण कार्य रोकने के लिये डिजास्टर रिस्क डाटा बेस को सभी विभागों की कार्ययोजना में शामिल किया जायेगा, जिससे आपदा न्यूनीकरण में सहायता मिल सकेगी।  
सचिव आपदा प्रबंधन अमित सिंह नेगी ने कहा कि डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट डाटा बेस के अन्तर्गत भूकम्प, भूस्खलन एवं अन्य दैवीय आपदाओं के प्रति संवेदनशील व अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित् किया गया है, जिसके अनुसार ही रिस्क डेटा बेस को तैयार किया गया है जिसका उपयोग सरकार की भविष्य की नीतियों में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक बहेतरीन कदम है आपदा जोखिम एवं न्यूनीकरण की ओर बढ़ने का।
सदस्य एन.डी.एम.ए. भारत सरकार श्री कमल किशोर, तथा अधिशासी निदेशक, एन.आई.डी.एम भारत सरकार श्री अनिल कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। जिसमें उनके द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड देश का तीसरा ऐसा राज्य है, जिसने आपदा के परिपेक्ष में डिजास्टर रिस्क डेटाबेस को तैयार किया गया है, जो उत्तराखण्ड सरकार तथा जन मानस के लिए काफी उपयोगी रहेगा। 
टीम लीडर डीएचआई, सिंगापुर जेवी विद् एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी, थाईलैंड एण्ड ई.आर.एन., मैसिको श्री टॉम बक्रुट द्वारा प्रतिभागियां को अध्ययन के विषयगत अवगत कराया गया तथा इस अध्ययन में उपयोग में लाए गए डाटा तथा टूल (कैपरा) के बारे में बताया गया एवं उनसे प्राप्त परिणाम से परिचित कराया गया। उनके द्वारा उक्त अध्ययन को पूर्ण कराये जाने में किन-किन चुनौतीयों का सामना करना पड़ा उससे अवगत कराया गया। 
ई.आर.एन. मैक्सिकों के डॉ.एडवार्डों रेनीसियो, ए.आई.टी के डॉ.मंजूल कुमार, डी.एच.आई. सिंगापुर के डॉ.जुलियन ओलीवर तथा आई.आई.टी के डॉ.एम.एल.शर्मा द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। 
अपर सचिव आपदा प्रबन्धन श्री सविन बंसल द्वारा उक्त अध्ययन की उपयोगिता से अवगत कराते हुए सभा का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
विश्व बैंक द्वारा पोषित, उत्तराखण्ड सरकार के अधीन, उत्तराखण्ड आपदा पुनर्निर्माण परियोजना के अन्तर्गत गठित कार्यक्रम क्रियान्वयन इकाई, तकनीकी सहायता व क्षमता विकास के घटक डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट ऑफ उत्तराखण्ड स्टडी का कार्य मई, 2016 से गतिमान अवस्था में है। जिसे फर्म डीएचआई, सिंगापुर जेवी विद् एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी, थाईलैंड एण्ड ई.आर.एन., मैसिको के माध्यम से सम्पन्न किया जा रहा है। 
इस अध्ययन के अन्तर्गत भौगोलिक सूचना तंत्र (जियोग्राफिक इंर्फोमेंशन सिस्टम प्लेटफार्म)’ पर विभिन्न आपदाओं जैसे भूकम्प, भूस्खलन, बाढ़, त्वरित बाढ़ तथा औद्योगिक के सन्दर्भ में उत्तराखण्ड राज्य का विस्तृत डाटा बेस तथा विभिन्न प्रकार के मॉडलों के माध्यम से विश्लेषण किया गया है। उक्त समस्त डाटा बेस जो कि डिजीटल रिस्क डाटा बेस (डी.आर.डी.बी.) है यह वेब आधारित है इसके माध्यम से राज्य में आपदा के समय त्वरित निर्णय लिये जाने एवं डीसीजन सर्पोट सिस्टम तैयार किए जाने हेतु उपयोग में लाया जाएगा। 
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री दिलीप सिंह रावत, अपर सचिव डॉ.वी.षणमुगम, निदेशक आपदा प्रबंधन डॉ.पीयूष रौतेला तथा मौसम विभाग के निदेशक श्री विक्रम चौहान, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार/संस्थानों/शिक्षण संस्थानों जैसे आई.आई.आर.एस., वाडिया भूविज्ञान संस्थान, आई.एम.डी, आई.आई.टी, सी.बी.आर.आई, आई.आर.आई., लो.नि.वि., सिंचाई विभाग, डी.एम.एम.सी आदि के लगभग 150 विषय विशेषज्ञों/उच्च अधिकारी उपस्थित थे। 
 आइडिया फॉर न्यूज़ केलिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *