एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया।
एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को माजरी ग्रांट डोईवाला, देहरादून में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का शुभारंभ किया। योजना का शुभारम्भ करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल को बधाई देते हुए कहा कि कृषि मंत्री रहते हुए सुबोध उनियाल जी ने नये-नये काॅन्सेप्ट पर काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई कार्य लगन से किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है। एकीकृत आदर्श ग्राम योजना एक ऐसा काॅन्सेप्ट है, जो मील का पत्थर साबित होगा। एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। जब सभी किसान भाई जागरूक होंगे तो कृषि उत्पादन में सुधार के साथ ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही मशीनीकरण पर फोकस करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती उत्तराखण्ड की विशेषता है, जिसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैल्यू एडीशन एवं ब्रांड की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए एक अम्ब्रेला ब्राण्ड शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना काल में जहां सभी क्षेत्रों में मंदी आयी है, कृषि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने नाबार्ड के अध्यक्ष डाॅ. चिंतला से उत्तराखण्ड में मैकेनाईजेशन को बढ़ावा दिये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पेड़ पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नर्सरी एक्ट बनाया है, ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता के पेड़ पौधे मिल सकें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जहां आॅर्गेनिक के पीछे पड़ी है, हमारा राज्य उत्तराखण्ड बाय डिफाॅल्ट आॅर्गेनिक है।
सहकारिता मंत्री श्री धनसिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा 04 लाख किसानों को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है। 12 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को भी 5-5 लाख रूप्ए का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
चेयरमैन नाबार्ड डाॅ जी.आर. चिंतला ने देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में भी कृषि क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुयी है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण कृषि के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ ही उत्तराखण्ड को जैविक खेती पर फोकस करना चाहिए।
आइडिया फ़ॉर न्यूज़ के लिए देहरादुन से अमित सिंह नेगी की टेपोर्ट।