रैंकर भर्ती एवं सहकारी बैंक भर्ती घोटाले के पोस्टमार्टम को मोर्चा पहुंचा सीएम दरबार

रैंकर भर्ती एवं सहकारी बैंक भर्ती घोटाले के पोस्टमार्टम को मोर्चा पहुंचा सीएम दरबार

 

देहरादून-जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व मे प्रतिनिधिमंडल ने मा. मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर रैंकर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2014-15 की उच्च स्तरीय जांच एवं सहकारी बैंक के घोटाले की जांच रिपोर्ट पर शीघ्र कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा | मा. मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए | नेगी कहा कि रैंकर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में लगभग 300 परीक्षार्थियों का परिणाम वर्ष 2016 में घोषित किया गया, जिसमें लिखित परीक्षा ओएमआर शीट के माध्यम से कराई गई | उक्त रैंकर परीक्षा उसी जी बी पंत कृषि एवं प्रौद्यो. विश्वविद्यालय द्वारा संपन्न कराई गई, जिसने उप निरीक्षक (सीधी भर्ती) परीक्षा संपन्न कराई थी |सूत्र बताते हैं कि उक्त लिखित परीक्षा में कई सेटिंगबाज अभ्यर्थियों/ जालसाजों ने ओएमआर शीट में बामुश्किल 30-40 प्रश्न हल किए तथा शीट कोरी छोड़ कर आ गए, जिसको बाद में ओएमआर शीट में सेटिंग-गेटिंग के आधार पर भरा गया इसलिए ओएमआर शीट की फॉरेंसिक जांच आवश्यक है | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे | उक्त कमेटी ने अक्टूबर 2022 को रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी, लेकिन चार-पांच माह बीतने के बाद भी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया | नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक बेचा गया था, जिसकी पुष्टि जालसाजों व नौकरी पाए अभ्यर्थियों के बैंक खातों में हुए लेनदेन की डिटेल से पुष्टि की जा है| इन घोटाले बाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ- साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों/ कर्मचारियों के रिश्तेदारों/ परिजनों से मोटी रकम हासिल कर नौकरियां बांट दी थी | प्रतिनिधिमंडल में – मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व विनयकांत नौटियाल मौजूद थे |

Idea for news ke liye dehradun se Amit singh negi ki report.

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