निलंबन ही काफी नहीं होनी चाहिए सम्पति की जाच!
निलंबन ही काफी नहीं होनी चाहिए सम्पति की जाच!
सालों से घर बैठ कर कर रहा था फर्जी वाडा ले रहा था तनख्वाह उत्तराखंड शासन के अधिकारी को किया गया निलंबित!
निलंबन ही काफी नहीं होनी चाहिए सम्पति की जाच!https://ideafornews.in/wp-admin/post-new.php
उत्तराखंड शासन के ऑडिट बिभाग के देहरादून स्थित ऑफिस का एक अधिकारी, सत्य प्रकाश सिंह, असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर, जिस को दुसरे विभागों के ऑडिट कर उनकी कमियां उजागर करने के लिए सरकार ने नियुक्त किया था, वह व्यक्ति खुद ही पिछले कई सालों से घर पर बैठ कर, फ़र्ज़ी हाजरी भर कर, अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह कर रहा था और हर महीने करीब 70,000/- रूपए तनख्वाह ले कर, सरकारी खजाने को लगा रहा था चूनाl
इसी के साथ साथ यह व्यक्ति सरकारी सड़क पर अतिक्रमण, पडोसी की ज़मीन पर अतिक्रमण, अनाधिकृत हॉस्टल चलाने जैसे अन्य कई गैर कानूनी कृत्यों में भी लिप्त है और अपनी उक्त गैर कानूनी गतिविधियों से बचने के लिए पिछले कई सालों से अपने पद का दुरूपयोग करके, कई न्यायालयों के उच्च अधिकारियों को फ़र्ज़ी दस्तावेज़ सबमिट करके गुमराह कर रहा है और प्रशासन एवं न्यायालयों का कीमती वक्त बर्बाद कर रहा है l
उक्त गतिविधियों के कारण घर पर रहते हुए हमेशा अपने पड़ोसियों को परेशान करता रहता है l इस बारे में एक पडोसी द्वारा ऑडिट विभाग में उक्त अधिकारी के ड्यूटी के वक्त पर घर पर होने की सैंकड़ों दिनों की CCTV रिकॉर्डिंग एवं अन्य ठोस साक्ष्यों सहित फरवरी 2018 में शिकायत की गई तो ऑडिट विभाग के, मुख्य सतर्कता अधिकारी, विरेश कुमार सिंह को विभागीय जाँच के आदेश दिए l परन्तु जाँच अधिकारी ने आरोपी से मिलीभगत करके, सभी ठोस साक्ष्यों को नज़रंदाज़ कर जाँच रिपोर्ट में लिख दिया कि उक्त अधिकारी ने सरकारी सेवक के रूप में आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं किया है और उसे पहले की तरह घर बैठे हुए तनख्वाह देते रहे l
इस जाँच के बारे में जब विभाग के निदेशक श्री सवीन बंसल जी IAS, को शिकायत की गयी तो उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और पुनः किसी दुसरे जाँच अधिकारी को जाँच के आदेश दिए और जाँच के उपरांत सत्य प्रकाश सिंह को दोषी पाया गया और 17 महीने बाद निलंबित किया गया l इस केस में ऑडिट विभाग के निदेशक श्री सवीन बंसल जी के सही निर्णय की जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है l इस एक सही निर्णय से ऐसे कई भ्रष्ट अधिकारियों को सबक मिलेगा l
अब देखने वाली बात यह है कि सत्य प्रकाश सिंह को तो निलंबित कर दिया गया है, परन्तु मुख्य सतर्कता अधिकारी के उच्च पद पर बैठे विरेश कुमार सिंह जैसे भ्रष्ट जाँच अधिकारी पर शासन क्या कारवाई करता है, जिन्होंने सब साक्ष्य देखने के बाद भी उत्तराखंड सरकार के सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले अधिकारी को 17 महीने तक चूना लगाने दिया l
राजधानी देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट!