रविवार के दिन महत्वपूर्ण अभिलेखों से छेड़-छाड़ जाच के दायरे मे पटवारी !
रविवार के दिन छुट्टी होने के चलते काशीपुर तहसील में जसपुर खुर्द के लेखपाल नितिन शर्मा के कमरा खुले होने तथा वहां कार्य किए जाने की सूचना पर जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे तो
देखा कि लेखपाल के कमरे में बिना उनके कार्य कर रहे थे। सवाल तो यह उठता है कि आखिर लेखपाल के कार्यालय की चाबी निजी लोगों तक कैसे पहुंची। साथ ही महत्वपूर्ण अभिलेखों वाली इस तहसील में सुरक्षा कैसे ताक पर रखी गई।
रविवार का दिन दोपहर तीन बजे स्थानीय लोगों से मीडिया को तहसील में प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा कंप्यूटर पर कार्य करने व अभिलेखों में छेड़छाड़ करने की सूचना मिली। सूचना पर जब मीडिया कर्मी तहसील पहुंचे तो हैरतअंगेज नजारा देखने को मिला। अवकाश होने के बावजूद भी एक पटवारी का कार्यालय खुला हुआ था। उसमें तीन अलग-अलग लोग कुर्सियों पर बैठे थे। जिनमें एक व्यक्ति कंप्यूटर पर तहसील की गोपनीय साइट खोले कार्य कर रहा था। बाकी दो ने रजिस्टर खोले हुए थे और तीसरा बेखौफ कुर्सी पर पैर फैलाए बैठा था। आखिर प्राइवेट व्यक्ति के पास संबंधित विभाग का गोपनीय पासवर्ड कहीं न कहीं संबंधित अधिकारियों की लिप्तता को भी उजागर करता है। इस दौरान जब मीडिया कर्मियों द्वारा उनसे परिचय मांगा गया तो अंदर काम कर रहे तीनों व्यक्ति एक-एक कर मुंह छिपाकर खिसकते दिखे। इस दौरान लेखपाल कार्यालय काफी देर तक खाली रहा। कुछ देर बाद उन्हीं में से एक व्यक्ति लेखपाल कार्यालय में ताला लगाकर चला गया। मजाक की बात यह है कि जिस लेखपाल का वह कार्यालय है वह वहां स्वयं मौजूद भी नहीं था। ऐसे में निजी कर्मचारियों के पास उसके कार्यालय की चाबी कहां से पहुंची। अवकाश के दिन संबंधित अधिकारियों की गैर मौजूदगी में दफतर खोलने की अनुमति किसने दी। आखिर ये कौन लोग थे और अभिलेखों के साथ क्या छेड़छाड़ कर रहे थे। यह सवाल चर्चाओं का विषय बने हुए हैं। जब इस बारे में उपजिलाधिकारी काशीपुर से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर जांच किए जाने और जांच के बाद उचित कार्यवाही की बात कही।
बाइट- हिमांशु खुराना, उपजिलाधिकारी काशीपुर
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून /ऊधम सिंह नगर से विजय अरोरा अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट