आदित्य एल 1: पास जाने की जरूरत नहीं, इतनी दूर से नजरें उठाकर सूरज को पढ़ लेगा आदित्य L1!

आदित्य एल 1: पास जाने की जरूरत नहीं, इतनी दूर से नजरें उठाकर सूरज को पढ़ लेगा आदित्य L1!

आदित्य एल 1 मिशन को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया जाना है. पीएसएलवी-एक्सएल के जरिए इसे एल 1 प्वाइंट पर स्थापित किया जाएगा जहां से सूरज के चेहरे को पढ़ा जा सकेगा. आदित्य मिशन को एल 1 प्वाइंट तक पहुंचने में करीब 120 दिन लगेगा

आदित्य एल 1 मिशन को धरती से करीब 15 लाख किमी की दूरी पर स्थापित किया जाएगा. बता दें कि जिस जगह से आदित्य मिशन काम करेगा वहां से सूर्य की दूरी करीब 14 करोड़ किमी है.

आदित्य एल 1 में कुल सात पेलोड्स है जिनमें से चार पेलोड्स के जरिए सूरज की किरणों का अध्ययन होगा जबकि तीन पेलोड्स सतह का अध्ययन करेंगे.

सूरज के आउटर सर्फेस से निकलने वाली किरणों के अध्ययन से पता चल सकेगा कि सूरज के कोर एरिया में क्या कुछ चल रहा है, फोटो स्फीयर में होने वाली असामान्य क्रियाकलापों के बारे में भी आदित्य जानकारी देगा.

आदित्य एल 1 मिशन को जिस जगह पर स्थापित किया जा रहा है वहां पर सूरज और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे के प्रभाव को समाप्त करते हैं.

चंद्रयान तीन मिशन की कामयाबी के बाद आदित्य एल 1 मिशन पर दुनिया की निगाह टिकी हुई है. आईएसएस के पूर्व कमांडर क्रिस हैडफील्ड ने इसे ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के लिए भी खास बताया.

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आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से ब्यूरो रिपोर्ट.

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