नाटक ने जिम्मेदारियों का कराया अहसास उन्नाव की सड़कों पर गूंजी आजादी की अलख !
नाटक ने जिम्मेदारियों का कराया अहसास उन्नाव की सड़कों पर गूंजी आजादी की अलख !
The play made us realize the responsibilities, the light of freedom resonated on the streets of Unnao!
नाटक ने जिम्मेदारियों का कराया अहसास
लखनऊ से आए दल ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत नुक्कड़ नाटक का किया मंचन
उन्नाव। चलो आज एक अलख जगाएं,
आजादी के मतवालों की आज हम गाथा सुनाए…
इनों पंक्तियों के साथ शुक्रवार को शहर में चार
स्थानों पर नुक्कड़ नाटक का मंचन हुआ, जिसमें
पूर्वांचल के नापकों के बलिदान की गाथा सुनाने
के साथ ही नागरिकों को नैतिक दायित्व भी याद
दिलाए गए। उन जिम्मेदारियों का अहसास
कराया गया। लोगों को विभिन्न मुद्दों और
समस्याओं के प्रति जागरूक भी किया गया।
भारतेंदु नाटा अकादमी (बीएनए) संस्कृति
विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से आजादी की 75वीं
वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत
घंटाघर चौराहे पर आजादी का अमृतमहोत्सव के तहत नाटक का मंचन करते कलाकारा कर
महोत्सव के तहत यह आयोजन हुआ। शहर के गाथा सुनाई गई। इसकी शुरुआत मंगल पांडेय से ताकि बेहतर समाज की कल्पना साकार हो।
नुक्कड़ नाटक शहर के निराला चौक,जिला अस्पताल के बाहर,आवास विकास कालोनी, बड़ा चौराहा पर प्रस्तुति हुई ।ल साथ हु लोगों को पर्यावरण, बेटी बचाओ, कोरोना के प्रति
पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। नाट्य निर्देशक मुकेश वर्मा बताते हैं कि जागरूक किया गया।
इसके लेखक एवं निर्देशक मुकेश वर्मा रहे। नुक्कड़ नाटक के जरिए देश को आजाद कराने उनहोंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव
नाट्य मंचन में बतौर कलाकार सोमेंद्र सिंह, इंद्र में अपना बलिदान देने वाले नायकों के बारे में के तहत इस तरह के नुक्कड़ नाटकों का मंचन
कुमार, अग्नि सिंह, मुस्तफा अली और विकास लोगों को परिचित कराया गया। साथ ही दूसरे जिलों में भी करापा जा रहा है। उनका यह
ने भाग लिया। करीब 30 मिनट की इस नाट्य नागरिकों को उनके नैतिक दायित्व भी बताए गए। रविवार को लखनऊ में नाट्य मंचन करेगा।
आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए लखनऊ से राजेंद्र सिंह देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।
The play made us realize the responsibilities, the light of freedom resonated on the streets of Unnao!
Drama made sense of responsibilities Team from Lucknow staged street play under Amrit Mahotsav of Azadi Unnao. Let’s light a candle today, Today we will narrate the saga of the freedom voters… Along these lines, four in the city on Friday Street plays were staged at places, in which To narrate the saga of the sacrifice of the men of Purvanchal Along with this, citizens should also remember the moral obligation. were given. sense of responsibility Was done. people on various issues and The problems were also made aware of. Bhartendu Nata Academy (BNA) Culture 75th Independence Day from the Department of Uttar Pradesh elixir of freedom on the occasion of anniversary Performing a play under the Amrit Mahotsav of Azadi at Ghantaghar Crossroads This event took place as part of the festival. The tale of the city was told. It started with Mangal Pandey so that the dream of a better society would come true. Nukkad Natak was performed at Nirala Chowk, outside the District Hospital, Awas Vikas Colony, Bada Chauraha in the city. Together I support people towards environment, save daughter, corona. A street play based on Theatrical director Mukesh Verma says that he was made aware. Its writer and director was Mukesh Verma. To liberate the country through street play, he told that the nectar festival of independence Somendra Singh as an artist in theatrical stage, staged such street plays under Indra about the heroes who sacrificed their lives Kumar, Agni Singh, Mustafa Ali and Vikas were introduced to the people. Along with this, tax is being done in other districts also. their this participated. In this drama of about 30 minutes, citizens were also told about their moral obligations. Theatrical performance will be held in Lucknow on Sunday.
Rajendra Singh from Lucknow, Amit Singh Negi from Dehradun reports for Idea for News.