पैंक्रियाटाइटिस के गंभीर रोगियों में सर्जरी की जरूरत घटा सकती है ये दवा: अध्ययन!

पैंक्रियाटाइटिस के गंभीर रोगियों में सर्जरी की जरूरत घटा सकती है ये दवा: अध्ययन!
This drug can reduce the need for surgery in severe patients of pancreatitis: Study :-

 

इस दवा का परंपरागत रूप से हृदय आदि की रक्त नलिकाओं में खून के थक्कों को समाप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है.

 

चंडीगढ़. पीजीआईएमईआर (PGIMER) के एक अध्ययन में सामने आया है कि रक्त नलिकाओं में खून के थक्कों को समाप्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा स्ट्रेप्टोकीनेस (Streptokinase) के प्रयोग से गंभीर पैंक्रियाटाइटिस (एसएपी) के रोगियों में सर्जरी की जरूरत को कम करने में मदद मिल सकती है. एसएपी में अग्न्याशय के ऊतकों का क्षय होने लगता है और फेफड़े, हृदय या गुर्दे आदि प्रमुख अंग काम करना बंद कर देते हैं. इस बीमारी में मृत्यु दर उच्च होती है.

चंडीगढ़ स्थित आयुर्विज्ञान और अनुसंधान स्नातकोत्तर संस्थान (पीजीआईएमईआर) के बयान के अनुसार एसएपी के उपचार में स्ट्रेप्टोकीनेस दवा की भूमिका सिद्ध करने के लिए यह इस तरह का पहला अध्ययन है. इस दवा का परंपरागत रूप से हृदय आदि की रक्त नलिकाओं में खून के थक्कों को समाप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है.

आईडिया फॉर न्यूज़ के लिए शिमला शिवानी नेगी देहरादून से अमित सिंगीह नेगी की रिपोर्ट

This drug can reduce the need for surgery in severe patients of pancreatitis: Study :-

 

This medicine is traditionally used to eliminate blood clots in the blood vessels of the heart etc.

 

Chandigarh. A study by PGIMER has revealed that the use of streptokinase, a drug used to eliminate blood clots in the blood vessels, may help reduce the need for surgery in patients with severe pancreatitis (SAP). can be found. In SAP, the tissues of the pancreas start to decay and major organs like lungs, heart or kidneys stop working. The mortality rate in this disease is high.

According to a statement from the Chandigarh-based Postgraduate Institute of Medical Sciences and Research (PGIMER), this is the first study of its kind to establish the role of a Streptokinase drug in the treatment of SAP. This medicine is traditionally used to eliminate blood clots in the blood vessels of the heart etc.

Amit Singh Negi reports from Shimla Shivani Negi Dehradun for Idea for News

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