2013 उत्तराखण्ड में आपदा के घाव आज भी हरे!

 2013 उत्तराखण्ड में आपदा के घाव आज भी हरे!

केदारनाथ में आई प्रलयकारी आपदा को पूरे छः साल पूरे हो गए हैं। धीरे-धीरे केदारघाटी का पूरा स्वरूप बदल रहा है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पर फोकस कर रहे हैं। पीएम 4 बार केदारनाथ का दौरा कर चुके हैं और नई केदारपुरी का निर्माण हो रहा है। 16 और 17 जून 2013 के भयावह मंजर के बाद हर साल चारधाम यात्रियों की संख्या में इज़ाफ़ा हो रहा है। इस साल अभी तक 6 लाख 50 हजार तीर्थयात्री केदारबाबा के दर्शन कर चुके हैं। चारों धामों में कुल 17 लाख तीर्थयात्री पहुंचे हैं।
 2013 उत्तराखण्ड में आपदा के घाव आज भी हरे!https://ideafornews.in/wp-admin/post-new.php

 

केदारघाटी में आपदा के बाद ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए सरकार ने तमाम इंतजाम कर लिए हैं। 2013 की आपदा के दौरान केदारघाटी में सैकड़ों लोग मारे गए। केदारनाथ में आया जलप्रयल उत्तराखण्ड के लिए एक बड़ा सबक रहा। अब आपदा को 6 साल पूरे हो गए हैं। धीरे-धीरे सबकुछ पटरी पर आ रहा है। उत्तराखंड में केदारनाथ आपदा के बाद  भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन के लिहाज से बेहद संवेदनशील प्रदेश सरकार ने काफी सबक सीखा है। आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी के मुताबिक केदारनाथ आपदा के बाद सरकार ने हर मोर्चे पर मजबूत प्रबंध तंत्र तैयार किया है। क्षमता विकास, जागरूकता, मौसम संबंधी सूचना तंत्र और तकनीकी सुधार के जरिये आपदाओं से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। हजारों सार्वजनिक भवनों का अध्ययन कराया जा रहा है, ताकि सुरक्षित बनाया जा सके। आपदा से बचाव और जागरूकता एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। आपदा प्रबंधन विभाग, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आपदा प्रबंधन न्यूनीकरण में तैनात लोगों की टीम निरंतर लगी है। पिछले छह वर्षों के दौरान उत्तराखण्ड ने काफी कुछ सीखा है और नए सुधार किए हैं।
बाईट- अमित नेगी, सचिव, आपदा प्रबंधन
फाइनल वीओ- 
सरकार को आपदा प्रबंधन और राहत को लेकर रेस्पोंस सिस्टम तैयार करने में अभी बहुत मेहनत करनी होगी। आपदा का मर्ज खोज लेने के बाद अब यही इलाज बाकी है।
—ग्राफिक्स—
आपदा के बाद अब तक क्या हुआ
राज्य में आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) का गठन
सभी तहसीलें व आपातकालीन केंद्र सेटेलाइट फोन से लैस
आपदा प्रतिवादन तंत्र (आईआरएस) को लागू किया गया
विभागों में आपदा प्रबंधन योजनाओं पर किया गया फोकस
डिजास्टर रिस्क डाटा बेस (डीआरडीबी) तैयार किया गया
भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ की घातकता का आंकलन किया गया
आपदा के दौरान त्वरित निर्णय लेने में मददगार बनेगा डीआरडीबी
सिंचाई विभाग को रिवर मैनेजमेंट इन्फारमेशन सिस्टम से जोड़ा गया
12,000 सरकारी भवनों की घातकता का आंकलन किया गया
90 अस्पतालों को सुरक्षित बनाने के लिए रेट्रोफिटिंग प्रोजेक्ट पर काम
मौसम का पता लगाने को 107 आटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए गए
25 सर्फेस फील्ड ऑब्जरवेटरी, 28 रेन गेज व 16 स्नो गेज लगाए
16300 स्वयं सेवकों को खोज एवं बचाव का प्रशिक्षण दिया गया
राज मिस्त्रियों को भूकंप सुरक्षित भवन बनाने का प्रशिक्षण जारी है
प्रदेश व जनपद स्तर पर मॉक अभ्यासों के जरिये सिस्टम को चैकन्ना रखा गया
चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में विस्तृत भूगर्भीय अध्ययन किया
बाढ़ के खतरे से बचाव के लिए भागीरथी और गंगा के किनारे साइनर लगाए गए
प्रलयकारी आपदा ने पूरे केदारनाथ को बदल कर रख दिया था
केदारनाथ को वापस खूबसूरत बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से दिन रात एक कर दिया
जगह-जगह पर सड़कों को ठीक किया गया और रामबाड़ा से नया पैदल मार्ग तैयार किया गया
एमआई 17 हेलीपैड का निर्माणए हेलीपैड से मंदिर तक रास्ते का निर्माण के साथ ही मंदिर के चारों ओर थ्री डी सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया
एक महीने के भीतर यात्रा का आंकड़ा छः लाख पचास हजार पहुंच गया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार बार केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं
पिछले तीन सालों के भीतर उनका केदारधाम आना-जाना लगा हुआ है
पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत धाम में कार्य चल रहे हैं
केदारनाथ में यात्रियों की संख्या
2013 में केदारनाथ में 333656 यात्री
2014 में केदारनाथ में40922 यात्री
2015 में केदारनाथ में154385 यात्री
2016 में  केदारनाथ में309764 यात्री
2017 में केदारनाथ में 471235 यात्री 
2018 में केदारनाथ में731991 यात्री
2019 में एक महीने के दौरान अब तक 6 लाख 50 हजार तीर्थयात्री बाबा केदार के दरबार में अपनी हाज़िरी लगा चुके हैं
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून  से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *