आपदा संवेदनशील उत्तराखण्ड में मददगार साबित होगा सामुदायिक रेडियो!
आपदा संवेदनशील उत्तराखण्ड में मददगार साबित होगा सामुदायिक रेडियो!
राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबन्धन केन्द्र द्वारा आईडियोसिंक मीडिया कम्बाइन के सहयोग से ‘‘कम्यूनिटी रेडियो फाॅर माॅस अवेयरनेस एण्ड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन’’ विषय पर सोमवार को देहरादून के एक स्थानीय होटल में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य राज्य के दूर-दराज क्षेत्रों में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिये इच्छुक लोगों को आमंत्रित एवं प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें राज्य सरकार से अनुदान देकर जन-जागरूकता, आपातकालीन सूचनाओं व विभिन्न विकासपरक योजनाओं से सम्बन्धित सूचनाओं को समुदाय एवं दूर-दराज के क्षेत्रों को पहंुचाना है।
कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों एवं अतिथि वक्ताओं का स्वागत करते हुए सचिव आपदा प्रबन्धन अमित नेगी द्वारा अवगत कराया गया कि आपदाओं की बढ़ती बारम्बारता, तीव्रता व परिणाम में आ रहे नाटकीय परिवर्तनों के लिहाज से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction) आज पूरे विश्व की आवश्यकता बन गया है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को प्रोत्साहन दिया जायेगा।
अपर सचिव सविन बंसल द्वारा कार्यशाला का उद्देश्य तथा विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुये कहा कि राज्य में नये सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के साथ ही पहले से संचालित रेडियो स्टेशनों की गतिविधियों को प्रोत्साहित कर उन्हें आर्थिक स्वावलम्बन प्रदान किया जाना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है।
उन्होंने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रबंधकों से सरकार की योजनाओं तथा आपदा से पूर्व तथा बाद की सूचनाएं प्रदेश वासियों के मध्य और अधिक प्रभावी ढ़ंग से प्रसारित करने की अपेक्षा की।
डाॅ.रौतेला ने बताया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत राज्य सरकार इच्छुक संस्थान व संगठनों को उनकी कुल परियोजना लागत का 30 प्रतिशत अधिकतम पांच लाख धनराशि तक का अनुदान देगी। नीति में दूर-दराज के क्षेत्रों में रेडियो स्टेशनों को प्राथमिकता देने के साथ ही उनमें स्थापित संसाधनों का आपदा बीमा कराया जाना अनिवार्य बनाया गया है। अनुदान लेने से पहले रेडियो स्टेशनों को भूमि व भवन में आपदा सुरक्षा मानकों से आच्छादित होेने का सर्टीफिकेट देना होगा कार्यशाला में आईडियोसिंक मीडिया कम्बाइन के अधिशासी निदेशक श्री एन.रामाकृष्णन ने भारत के विशेष परिप्रेक्ष्य में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थिति, नीति, स्थापना, बजट व्यवस्था, प्रशिक्षण पर जानकारी मुहैया करायी
कार्यशाला में हेवलवाणी, रेडिया लुइट, नार्थ-ईस्ट, मनदेशी तरंग वाहिनी, रेडियो नमस्कार, वक्त की आवाज के प्रतिनिधियों द्वारा खुले मंच से सक्सेज स्टोरीज तथा प्रतिभागियों के साथ अपने विचार साझा किये। राज्य के सबसे पूराने सामुदायिक रेडिया स्टेशन हेवलवाणी के स्टेशन निदेशक ने खुशी जाहिर की कि सरकार की यह अच्छी पहल है जिससे लोग अपनी समस्याएं व महत्वपूर्ण सूचनाएं दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हुये भी साझा कर पायेंगे। सरकार द्वारा उन्हें पूरा सहयोग दिया जायेगा।
कार्यशाला में राज्य आपदा प्रतिवादन बल, वन, पब्लिक रिलेशन सोसाइटी आॅफ इंडिया, सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, पुलिस, विद्यालयी शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सिविल सोसाइटी, गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारी और विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला में सभी विभागों से उत्तराखण्ड की कम्यूनिटी रेडियो पाॅलसी को बेहतर बनाने के लिये सुझाव लिये गये ताकि अधिक से अधिक लोग इस मुहिम के साथ जुड़ सकें और आपदा की स्थिति में दूर-दराज के क्षेत्रों में अधिक से अधिक कम्यूनिटी रेडियो स्थापित करके दूर दराज के क्षेत्रों के लागों से जुड सकें।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट/