उत्तराखण्ड फुटबाल कोच वीरेंद्र सिंह रावत को मिली हाई कोर्ट से राहत!

उत्तराखण्ड फुटबाल कोच वीरेंद्र सिंह रावत को मिली हाई कोर्ट से राहत!

मिली भगत के कारण संतोष ट्रोफी में भी कहा बहुत है खामिया भुगत रहा उत्तराखण्ड का खिलाडी !

जिस प्रकार से  उत्तराखण्ड में लगातार खिलाडियों का शोषण हो रहा है उस को लेकर देहरादून उत्तराखण्ड के वीरेंद्र सिंह रावत ने अपना पूरा जीवन नौकरी छोड़ फुटबाल खिलाडी बनाने में  लगा दिया लेकिन सरकार में चाटू लोग उत्तराखण्ड के खिलाडियों का कम अपना ज्यदा फ़ायदा सोचते है जिस का अंजाम यह रहा की आज हाई कोर्ट ने भी उन के पक्ष में फैसला लिया और उन को पूर्ण रूप से कमान दे दी जिस के वो हक़दार थे / आज विरेंदे सिंह रावत ने प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर इस की जानकारी दी के अब उन को फुटबाल अकादमी का आजीवन सस्थापक घोषित कर दिया है साथ उन सब लोगो के मुह बंद हो गए जो लोग वीरेंद्र सिंह रावत को फर्जी बताने उन पर अनेको प्रकार के आरोप लगाने की लगातार कोशिश कर रहे थे /

लेकिन उन का रास्ता अभी भी काटो भरा लग रहा है जिस प्रकार उत्तराखण्ड में खिलाडियों के लिए सरकार कदम उठा रही है उस का फ़ायदा उन को कम हो रहा है यहा तक की उन के खाने की सामग्री को भी हड़प कर रहे है यह सिलसिला आज से नहीं १७ वर्षो से चला आ रहा है और सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है अब तो लगता है खेलमंत्री को भी इस विभाग की जरुरत  नहीं और वो कही और ध्यान दे रहे है जिस हाल ही का एक उद्धरण नजर आया है जिस प्रकार से खिलो में लगातार उन खिलाडियों की अनदेखी हो रही है जो प्रदेश का भविष्य है उन को हटा कर ऐसे खिलाडी को चिनित किया गए जो इस काबिल नहीं थे / यह सब मिलीभगत का नतीजा है इस के साथ ही माननीय मंत्री जी को कोई खबर तक नहीं के टीम का चयन करने वाले कोच अख्तर अली ने सारी हदे पार कर जिस टीम की घोषणा की है उन में एक भी खिलाडी काम का नहीं है और जो काम के थे उन की जगह उन खिलाडियों को लिया गया जो उस लेबल के थे ही नहीं / यह अनदेखी उत्तराखण्ड के खिलाडियों को तब तक झेली पड़ेगी जब तक खेलमंत्री  अपना ध्यान इस और नहीं देते या फिर जो लोग इस में लिप्त है उन को हटाया /सजा नहीं दी जाती ऐसे में यह कहना मुस्किल है की कब खेलमंत्री की नींद टूटेगी कहा नहीं जा सकता है /मंगलवार को खेले गए संतोष ट्रोफी में बिना मेनेजर बिना कोच खेला गया मैच 3/ 1 हार की ख्गामिया सामने आई है उस से इस बात की पुष्टि हो जाती है हम अभी खेलमंत्री से बहुत दूर है/अब देखना होगा खेल मंत्री अरविन्द पाण्ड्य जी की नजरें इनायत कब तक खेलो पर होगी जिस से उत्तराखण्ड के खिलाडियों का दुसरे प्रदेशो में नाम रोशन होगा /    

 देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *