सीएम-डैशबोर्ड से गतिशीलता के साथ पारदर्शिता भी आयेगी – मुख्यमन्त्री !  

सीएम-डैशबोर्ड से गतिशीलता के साथ पारदर्शिता भी आयेगी – मुख्यमन्त्री !  

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया सीएम-डैशबोर्ड का लोकार्पण
डैशबोर्ड से आयेगी राज्य सरकार के कार्यों में गतिशीलता व पारदर्शिता
सरकार के कार्यों की जानकारी पहुंचेगी आम जनता तक।
जनसेवा से जुडे विभागों में विकसित होगी सकारात्मक सोच तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा
सीएम डैशबोर्ड का लोकार्पण करने में अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिन है। उनके जन्मदिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। सुशासन दिवस के इस अवसर पर उन्होंने सचिवालय में सीएम डैशबोर्ड का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड से सरकार के कार्यों में पारदर्शिता व गतिशीलता आयेगी। इसके माध्यम से आम जनता तक सरकार की योजनाओं व कार्यों की भी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी तथा जनसेवाओें को पारदर्शिता के साथ लागू करने, व्यवस्थित व सकारात्मक ढ़ंग से लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी
उन्होंने कहा कि सीएम डैशबोर्ड का नाम ‘‘उत्कर्ष’’(UttaraKhand Achieving Results in Systematic and Holistic Way) रखा गया है, नाम के अनुरूप यह अच्छी शुरूआत है, इससे सुशासन की दिशा में उत्तराखण्ड उत्कृष्टता की ओर आगे बढ़ेगा।
—- डैशबोर्ड —-
ऽ डैशबोर्ड एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जहां से सभी कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति पर एक साथ नजर रखी जा सकती है।
ऽ यानि किस किस योजना की क्या प्रगति है, लोगों को उस योजना का कितना फायदा मिल रहा है, विभाग किस गति से काम कर रहे हैं, किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है…इन तमाम बातों पर मुख्यमंत्री एक ही जगह से नजर रख सकते हैं।
ऽ डैशबोर्ड से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी और विभागों की समयबद्ध समीक्षा हो सकती है।
ऽ सीएम डैशबोर्ड पूरी तरह आईटी पर आधारित होता है… जहां सारे विभाग ऑनलाइन जुड़े होते हैं।
ऽ उत्तराखंड के सीएम डैशबोर्ड को उत्कर्ष नाम दिया गया है।
ऽ उत्कर्ष का पूरा नाम UttaraKhand Achieving Results in Systematic and Holistic Way है।
ऽ जैसा कि इसके नाम से साबित हो रहा है कि यह डैशबोर्ड सेल्फ असेसमेंट के जरिए परिणाम प्राप्त करने का एक माध्यम है।
ऽ अभी इसकी शुरुआत में 14 अलग अलग विभाग इस डैशबोर्ड के साथ जुड़े हैं। भविष्य में अन्य विभागों को भी इसमें शामिल किया जाना है।
ऽ डैशबोर्ड से मुख्यमंत्री पता कर सकते हैं कि, किस विभाग की कौन सी योजना की क्या प्रगति है।
ऽ विभागों और योजनाओं के लिए स्वीकृत बजट में कितना खर्च हुआ है, और कहां कहां खर्च हुआ है।
ऽ डैशबोर्ड से यह भी पता लग सकता है कि, राज्य में मानव विकास सूचकांक, इकोनॉमिक इंडेक्स आदि सूचनाओं की क्या स्थिति है।
ऽ मसलन पेयजल विभाग के तहत कितने घरों में पानी के कनेक्शन दिए गए हैं…कितने घरों में बिजली पहुंच चुकी है।
ऽ कितने स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात संतुलित है, कितने स्कूलों में छात्र संख्या कम है आदि।
ऽ इसी तरह डैशबोर्ड से यह भी पता चलेगा कि राज्य में कितने बच्चों और कितनी गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण हुआ, कितनी महिलाओं का सुरक्षित प्रसव हुआ…कितने लोगों तक जीवनरक्षक दवाएं पहुंच रही हैं..आदि।
ऽ यानि राज्य में योजनाओं का वास्तविक लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं और अगर मिल रहा है तो कहां तक मिला है, यह सब डैशबोर्ड से पता किया जा सकेगा।
ऽ डैशबोर्ड का एक और फायदा ये होगा कि इससे रियल टाइम डेटा जुटाया जाएगा । यह गाउंड लेवल का डेटा जिलों, ब्लॉकों और गांवों से एकत्र डेटा रहेगा. जिसके जरिए अधिकारियों के कार्यों और योजनाओं की ऑनलाइन समीक्षा हो सकेगी।
ऽ आप जानते हैं, उत्तराखंड की भौगोलिक स्थितियों के कारण कई बार अधिकारियों के साथ एक जगह पर बैठक नहीं हो पाती, लेकिन डैशबोर्ड के जरिए उनके कामकाजों की समीक्षा आसानी से हो जाएगी।
ऽ सबसे अहम बात ये है कि भ्रष्टाचार मिटाने की दिशा में डैशबोर्ड फायदेमंद साबित होगा।
ऽ अगर किसी विभाग में भ्रष्टाचार कि शिकायत होती है, या उसके कामकाज को लेकर सवाल उठते हैं तो, मुख्यमंत्री को यह बात विभाग की परफॉरमेंस रिपोर्ट देखकर पता चल जाएगी।
ऽ यानी सचिवालय से लेकर जिलों तक किसी भी विभाग या अधिकारी ने लापरवाही बरती तो उस पर सीधी नजर रखी जा सकेगी।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिगंह नेगी की रिपोर्ट/

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