जौनसार बावर पौराणिक लोक कला मंच लोहारी के कलाकारों ने ठोडा नृत्य की प्रस्तुति दी.

जौनसार – बावर में ठोडा नृत्य की अलग पहचान है . जिसमे युद्ध कला का कौशल दर्शाया गया. बुधवार को समाल्टा के चालदा देवता मंदिर में बिस्सू की फुलियत का जश्न मनाने आये.  जौनसार बावर पौराणिक लोक कला मंच लोहारी के कलाकारों ने ठोडा नृत्य की प्रस्तुति दी. लोक कला मंच के 20 सदस्यीय  कलाकारों के दल का नेतृत्व का रहे रंगकर्मी कुन्दन सिंह चौहान ने बताया की जौनसार की लोक संस्कृति  के प्रतीक बिस्सू मेले में ठोडा व हारुल मेले में ठोडा व हारुल नृत्य का विशेष महत्त्व है. लोक संस्कृति के जानकार स्थानीय कलाकारों ने समाल्टा मंदिर प्रांगण में ठोडा  नृत्य की प्रस्तुति के समय तीर कमान से सटीक निशाना साध कर अपनी युद्ध कला का प्रदर्शन किया. जौनसारी समाज की विलुप्त हो रही संस्कृति को बचाने का सन्देश दिया. गौर हो की समाल्टा में चालदा महाराज का प्रवास अब मात्र १६ दिन के लिए है. इसलिए जौनसार के समाल्टा मंदिर में चालदा महाराज प्रवास के बाद बिस्सू की फुलियात दूसरी बार मनाई जा रही है. आइडिया फॉर न्यूज के लिए उत्तराखंड से ब्यूरो रिपोर्ट

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