ऋषिकेश-जागरूकता से ही होगा सर्वाइकल कैंसर का उन्मूलन!

30 से अधिक उम्र की महिलाओं को स्क्रीनिंग करवाने की सलाह
एम्स ऋषिकेश में आयोजित हुआ जनजागरूकता कार्यक्रम

ऋषिकेश। सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस के अवसर पर एम्स में आयोजित जनजागरूकता कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को समय-समय पर स्की्रनिंग करने की सलाह दी गयी। कहा गया कि जनजागरूकता के माध्यम से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर को खत्म किया जा सकता है।

एम्स ऋषिकेश के प्रसूती व स्त्री रोग विभाग तथा नर्सिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सर्वाइकल कैंसर पर जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। गायनी विभाग की ओपीडी में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि गर्भाशय कैंसर के उन्मूलन के लिए समाज की प्रत्येक महिला को जागरूक होना पड़ेगा। जनजागरूकता के माध्यम से इस बीमारी का निदान किया जा सकता है। डाॅ. मीनू सिंह ने कहा कि घरेलू कार्यों में व्यस्त रहने के कारण महिलाएं आमतौर पर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतती हैं जो भविष्य में उन्हें नुकसान देती हैं। यदि वो प्रत्येक वर्ष अपने जन्मदिन पर सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु स्क्रीनिंग करवाने का नियम बना लें तो वह इस बीमारी से बच सकती हैं।

डीन एकेडेमिक और गायनी विभाग की हेड प्रो. जया चतुर्वेदी ने एम्स ऋषिकेश द्वारा संचालित स्क्रीनिंग कार्यक्रम की जानकारी दी और एचपीवी टीकाकरण अभियान को बढ़ाने पर जोर दिया। साथ ही बताया कि एम्स में इस बीमारी के निदान के लिए सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर.बी. कालिया ने इसके लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान संचालित करने की आवश्यकता बतायी। कहा कि इसके खात्मे के लिए हम सभी को एक योजनाबद्ध तरीके से समाज की प्रत्येक महिला को जागरूक करना होगा। गायनी विभाग की आॅन्कोलाॅजिस्ट प्रोफेसर डाॅ0 शालिनी राजाराम ने बताया कि इसके लक्षण देरी से दिखते हैं लेकिन एचपीवी वैक्सीन से इसे रोका जा सकता है। उन्होंने 30 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को स्क्रीनिंग करवाने के लिए अस्पताल आने के लिए प्रोत्साहित किया।

‘‘सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस‘‘ के अवसर पर नर्सिंग विभाग की डीएनएस सुश्री वंदना ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए ओपीडी में मौजूद महिलाओं को इस दिवस की महत्ता बतायी। इस दौरान नर्सिंग ऑफिसर्स और रेजिडेंट डॉक्टरों की टीम द्वारा नुक्कड़ नाटक प्र्रस्तुत कर इस बीमारी के प्रति महिलाओं को जागरूक किया गया। साथ ही इस विषय पर पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। कार्यक्रम में सर्वाइकल कैंसर के जोखिम कारक, संकेत और लक्षण, स्क्रीनिंग कार्यक्रम, एचपीवी टीकाकरण आदि के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गयीं। इस दौरान गायनी विभाग की डॉ. अनुपमा बहादुर, चीफ नर्सिंग आॅफिसर रीटा शर्मा, एएनएस सुश्री सोनिया, सुश्री नीमवाक, एएनएस, एनओ सहित कई अन्य मौजूद रहे।

एम्स ऋषिकेश की गायनी ओपीडी में सोमवार से शुक्रवार तक प्रत्येक दिन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है। ’वीआईए ओपीडी क्लीनिक’ सुबह 9 बजे से अपरान्ह 1 बजे तक संचालित होती है। स्त्री रोग आॅन्कोलाॅजिस्ट डाॅ0 शालिनी राजाराम ने बताया कि एम्स में यह कार्यक्रम अगस्त 2023 में शुरू किया गया था। ’विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड’ (वीआईए) विधि द्वारा अभी तक 500 से अधिक महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि 30 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रत्येक 5 वर्ष के अन्तराल में सर्वाइकल कैंसर की जांच हेतु अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए देहरादून से ब्यूरो रिपोर्ट

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