हाफिज सईद और कश्मीर ऑपरेशन के मुखिया लखवी के बीच आई दरार

लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद और इसके कश्मीर ऑपरेशन के मुखिया जकी-उर-रहमान लखवी के बीच अनबन हो गई है।

नई दिल्ली । भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान की खुफिया जानकारी के अनुसार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में फूट की खबरें आ रही हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद और इसके कश्मीर ऑपरेशन के मुखिया जकी-उर-रहमान लखवी के बीच अनबन हो गई है।

खबर के मुताबिक लश्कर के दोनों शीर्ष नेताओं में अनबन की वजह संगठन के नाम के इस्तेमाल को लेकर है। दरअसल जकी-उर-रहमान कश्मीर में आतंकी हमला कर कुछ अलगाववादी नेताओं की हत्या की साजिश रच रहा है। लश्कर के सरगना हाफिज ने रहमान को सख्त निर्देश दिए हैं कि भारत में किसी भी प्रकार के आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा का नाम ना आने पाए। साथ ही हाफिज सईद ने यह आदेश भी जारी किया है कि संगठन की तरफ से जो भी हमले कश्मीर में किए जाएंगे उन्हें ‘कश्मीर छोड़ो आंदोलन’ के तहत किसी भी दूसरे संगठन के नाम से किया जाएगा।

दरअसल हाफिज यह सुनिश्चित कर देना चाहता है कि भारत में हो रहे आतंकी हमलों में किसी भी प्रकार से उसका या उसके आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का नाम ना आए। 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड लखवी और हाफिज सईद में कलह की उपज पाकिस्तान सरकार द्वारा हाफिज पर शिकंजा कसने के साथ ही होने लगी। अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने हाफिज को भारत में आतंकी हमलों में सीधे शामिल होने से मना किया है। इसके बाद से ही हाफिज सईद इस बात को लेकर काफी सचेत हो गया है कि उसका या लश्कर का नाम किसी भी प्रकार से भारत में हो रहे आतंकी हमलों में ना आने पाए।

हाफिज ने लखवी को साफ कर दिया है कि हमें लश्कर के नाम से आतंकी हमलों को अंजाम देने से बचना होगा। इसके लिए किसी भी तरह के हमले से पहले हमें कई बातों का खास ध्यान रखना होगा। खबरों के मुताबिक लखवी के अंदर इस बात को लेकर असंतोष पैदा हो गया है।

भारतीय खुफिया एजेंसियों को ये इनपुट मिला है कि लखवी कश्मीर में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में है। उसने बड़ी संख्या में लश्कर के लड़ाकों को पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में अपना डेरा जमा लेने का निर्देश दिया है।

आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से जिस तरह से कश्मीर के नौजवान उसके समर्थन में आए थे, उसे देखते हुए लखवी किसी भी कीमत पर कश्मीर में शांत बैठने वाला नहीं है। लखवी घाटी में अशांति फैलाने और पत्थरबाज लड़कों को अपने साथ मिलाने के लिए कुछ अलगाववादी नेताओं की हत्या का भी प्लान बना रहा है।

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