लैंगिक संवेदीकरण कार्यक्रम की एक झलक!

लैंगिक संवेदीकरण कार्यक्रम की एक झलक!

राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से पुलिस लाईन, देहरादून में पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय लैंगिक संवेदीकरण कार्यक्रम (Gender Sensitization program) का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में अनिल के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने बताया की सभ्य समाज कि जो परिकल्पना है उसमें मानव की बुद्धि व मानव की गरिमा एक महत्वपूर्ण विषय है और जब तक हम इसकी महत्ता को नही समझेंगे तब तक सभ्य समाज का निर्माण असम्भव है
हमारे संविधान में भी Dignity of the Individual (व्यक्ति की गरिमा) की बात है, महिला की भी उतनी गरिमा है जितनी पुरुष की। विगत में हुई घटनाओं/दुर्घटनाओं को देखते हुए कानून में भी विस्तार हुआ है। बलात्कार एवं छेड़छाड़ की धाराओं में विस्तार करते हुए उसमें और प्रभावी बनाया गया है। दहेज से सम्बन्धित जो विकृतियां हैं /
सबसे महत्तवपूर्ण है की महिलाओं के प्रति संवेदनशील होना और उन्हे समानता की नजर से देखना। अब धीरे-धीरे पुलिस में इस ओर संवेदनशीलता बढ़ रही है, हमारे पास उपलब्ध 25 हजार फोर्स में से 12 प्रतिशत से अधिक महिला पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी है। पुलिस फोर्स में महिलाओं के अच्छे अनुपात में जो देश के चार-पाँच अग्रणीय राज्य हैं उनमें हमारा स्थान भी है। इससे पुलिस में मानवीय चेहरा आता है। वर्तमान में हमारे 13 जनपदों में से 03 जनपदों की महिला आईपीएस अधिकारी कमान सम्भाले हुए हैं। महिलाओं को थानाध्यक्ष बनाने में भी हम जोर दे रहे है। पिछले वर्ष हमने लगभग 1000 महिला कर्मियों को कांस्टेबल तथा 150 को महिला उपनिरीक्षक के रुप में लिया है। महिला सशक्तिकरण की ओर यह बड़ा कदम है। महिलाओं के सम्बन्ध में Status of Policing in India-2018 के सर्वे में महिला शिकायतकर्ता को अपनी बात पुलिस के पास जाकर विश्वास से कहने में उत्तराखण्ड राज्य ने प्रथम स्थान पाया है। NCRB की वर्ष 2016 की रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं से सम्बन्धित कुल अपराधो में से मात्र 0.5 प्रतिशत उत्तराखण्ड में हुए। 29 राज्यों की तुलना में हम महिला अपराध नियन्त्रण में 08 वें स्थान पर हैं। महिलाओं के पुलिस फोर्स में आने से हमे काफी बल मिला है।    आलोक रावत, सदस्य राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा विभिन्न राज्यों में किये गये कार्यों के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा करते हुए, महिला अपराधों में पुलिस की महत्तपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया। 
 कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग से आये व्याख्याताओं/विशेषज्ञों श्री सरवेश कुमार पाण्डे, श्रीमती कंचन खट्टर, श्री नितीश चन्दन, कुमारी गीता राठी सिंह, द्वारा लिंग सम्बन्ध मुद्दे एवं संवेदीकरण, एनआरआई मुद्दे और महिलाओं से सम्बन्धित अपराधों में एफआईआर का महत्तव महिलाओं के विरुद्ध साईबर क्राईम के अपराध एवं निवारण और महिलाओं से सम्बन्धित कानून जैसे घरेलु हिंसा, दहेज निषेध अधिनियम आदि विषयों पर जानकारी दी गई।   
इस अवसर पर आलोक रावत, सदस्य राष्ट्रीय महिला आयोग, श्री राम सिंह मीणा, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन, वी0 विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना एवं सुरक्षा, श्री दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, श्री पी0वी0के0 प्रसाद, पुलिस महानिरीक्षक, कारागार, श्री संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक, पी0एम0, श्री ए0पी0 अनशुमन, पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी, अनन्त राम चौहन, पुलिस महानिरीक्षक, सीआईडी, श्री जी0एस0 मार्तोलिया, पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय, श्री केवल खुराना, निदेशक यातायात, श्रीमती निवेदिता कुकरेती, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून सहित पुलिस अधिकार/कर्मचारी उपस्थित रहे।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट /  

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *