गीता स्वाध्याय केंद्र का उद्घाटन!
गीता स्वाध्याय केंद्र का उद्घाटन!
मानवभारती स्कूल में रविवार को गीता स्वाध्याय केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र में हर रविवार सुबह 10 से 11 बजे तक गीता के अध्यायों पर चर्चा की जाएगी। इस केंद्र का उद्देश्य जीवन मूल्यों पर आधारित नैतिक शिक्षा का प्रचार करना है, ताकि कोई भी व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षण में विषम परिस्थितियों में जीने की कला जान सके। मुख्य अतिथि डीएवी पीजी कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो. रामविनय सिंह ने कहा कि गीता जीना सिखाती है और वर्तमान में गीता के ज्ञान की अत्यंत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को धर्म के मार्ग पर चलने का जो ज्ञान कराया, वो गीता में संकलित है। आज के युग में भी गीता बार-बार जन्म ले रही है। जीवन की हर विषम परिस्थिति में, कठिनाई में, युद्ध में, किसी भी संकट में गीता की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि श्रीमदभगवद् गीता का ज्ञान हर वर्ग और आयु के लोगों के लिए अलग-अलग है। बच्चों के लिए भी अलग गीता है। गीता जीवन के हर पड़ाव पर निभाए जाने वाले धर्म का ज्ञान कराती है। प्रो. सिंह ने कहा कि श्रीमद्भगवद् गीता भारतीय साहित्य का अमर ग्रंथ है। इसमें अध्यात्म विद्या के गूढ़ तत्वों की व्याख्या अत्यंत विशद और सरल शैली में की गई है। यह महान ग्रंथ कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञान योग सहित अन्य योगों के समन्वय द्वारा निष्काम कर्म का निर्देश करता हुआ संसार मात्र के लिए एक अनोखा उपदेश है।
देहरादून से आइडिया फॉर न्यूज़ के लिए अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट !