वॉट्सऐप की नई पॉलिसी, इसे एग्री किया तो प्राइवेसी खत्म होगी, नहीं किया तो अकाउंट डिलीट करना होगा
वॉट्सऐप की नई पॉलिसी, इसे एग्री किया तो प्राइवेसी खत्म होगी, नहीं किया तो अकाउंट डिलीट करना होगा
*नई दिल्ली।* वॉट्सऐप यूजर्स के लिए नया साल नई शर्तों के साथ शुरू हुआ है। शर्तें भी ऐसी जिन्हें नहीं माना तो अकाउंट डिलीट करना होगा। शर्तें मानना है या नहीं, इस बारे में सोचने के लिए 8 फरवरी तक का वक्त है। दुनियाभर में 200 करोड़ से ज्यादा यूजर्स वॉट्सऐप इस्तेमाल करते हैं। इन शर्तों से जुड़े कई सवाल दिमाग में उठ रहे होंगे। हम ऐसे ही इनके जवाब दे रहे हैं।
*1. क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?*
वॉट्सऐप पर नए टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी का अपडेट मिलने लगा है। इसमें लिखा है कि यूजर्स को ये पॉलिसी एग्री करना होगी। ये 8 फरवरी, 2021 से लागू हो रही है। इस तारीख के बाद इसे एग्री करना जरूरी होगी। यदि एग्री नहीं करते हैं तब अकाउंट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। इसके लिए आप हेल्प सेंटर पर विजिट कर सकते हैं। अभी पॉलिसी में एग्री और नॉट नाउ का ऑप्शन मिल रहा है।
इसमें लिखा है कि हमारी सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए आप वॉट्सऐप को जो कंटेंट अपलोड, सबमिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उन्हें कहीं भी यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले कर सकती है।
*2. वॉट्सऐप ने ऐसा फैसला क्यों लिया?*
इस पॉलिसी को एग्री करने के बाद वॉट्सऐप अपनी 200 करोड़ से ज्यादा यूजर्स का डेटा एक्सेस कर पाएगी। यानी वो उनके डेटा को दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर भी कर पाएगी। नई पॉलिसी के नोटिफिकेशन में उसने साफ लिखा है कि अब वॉट्सऐप आपकी हर सूचना अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर करेगा। यानी वॉट्सऐप अपने यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करके पैसे भी कमा सकती है।
*3. पॉलिसी का यूजर पर क्या असर होगा?*
ये तय हो चुका है कि आप वॉट्सऐप चलाते हैं तब ये पॉलिसी एग्री करना होगी। यानी न चाहते हुए भी आपको अपने वॉट्सऐप की प्राइवेसी कंपनी के साथ शेयर करना होगी। यानी वॉट्सऐप अब आपके डेटा पर पूरी नजर रखेगी और आपकी प्राइवेसी पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इस बात को ऐसे समझें…
*खर्च से तय होंगे विज्ञापन:*
वॉट्सऐप आपके बैंक का नाम, कितनी राशि और डिलीवरी का स्थान सभी ट्रैक करेगा। इससे फेसबुक-इंस्टाग्राम भी आपके फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन जान जाएंगे। ट्रांजेक्शन डिटेल से कंपनी आपकी प्रोफाइलिंग करेगी। यानी आप इडली-डोसा खाते हैं तो अमीर आदमी नहीं हैं। स्टारबक्स जाते हैं तो अमीर हैं। फिर आपको महंगी गाड़ियों के विज्ञापन दिखने लगेंगे।
*आईपी एड्रेस और लोकेशन ट्रेस होगी:*
वॉट्सऐप ने विकल्प दिया है कि यूजर अपनी लोकेशन एक्सेस डिसेबल कर सकते हैं। हालांकि उसने यह भी कहा है कि आईपी एड्रेस और मोबाइल नंबर से अंदाजा लग जाएगा आप कब-कहां जाते हैं।
*स्टेटस भी सुरक्षित नहीं:*
वॉट्सऐप आपका स्टेटस भी पढ़ेगा। जोखिम यह है यदि आपने लिखा- बताओ कौन सी गाड़ी खरीदूं। तो फेसबुक-इंस्टाग्राम भी इसे पढ़ेंगे और आपको कार, बाइक के विज्ञापन दिखने लगेंगे। ठीक ऐसे ही यदि आपने लिखा- घूमने कहां जाना चाहिए। तब आपके सोशल पेज पर कई टूर से जुड़े विज्ञापन आएंगे।
*कंटेंट पर सजेशन और एनालिसिस मिलेगा:*
वॉट्सऐप आपको दोस्तों, ग्रुप्स, कंटेंट आदि के सजेशन भी देगा। एक तरह से वॉट्सऐप आपकी हर हरकत पर नजर रखेगा और उसका एनालिसिस करेगा। फेसबुक इसी आधार पर आपको शॉपिंग, प्रोडक्ट के विज्ञापन दिखाएगा।
*कॉल पर भी होगी नजर:*
कंपनी को पता होगा आप किसे कितने वॉट्सऐप कॉल करते हैं? किस ग्रुप में ज्यादा सक्रिय हैं? ब्रॉडकास्ट लिस्ट कितनी है? फोटो-वीडियो फॉरवर्ड करने पर सर्वर पर अधिक समय स्टोर रहेंगे। उसे पता होगा कौन-सा कंटेंट ज्यादा फॉरवर्ड हो रहा है। फेक न्यूज ट्रैक करने व चुनाव के समय ये जानकारी अहम होगी। बिजनेस अकाउंट से शेयर होने वाले कैटलॉग का एक्सेस भी वॉट्सऐप के पास होगा।
*4. क्या पॉलिसी को एक्सेप्ट करना चाहिए?*
नई पॉलिसी का यूजर की प्राइवेसी पर गहरा असर होने वाला है। यानी आप जैसे ही कंपनी की नई पॉलिसी को एग्री करते हैं, उसे अपने डेटा का एक्सेस करने के राइट्स भी दे देंगे। समस्या ये है कि वॉट्सऐप चलाना है तब पॉलिसी को एग्री करना जरूरी है। क्योंकि 8 फरवरी के बाद तो पॉलिसी मानना ही पड़ेगी। यदि एग्री नहीं करते तो वॉट्सऐप अकाउंट को डिलीट करना पड़ेगा।
*5 कंपनी की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड पॉलिसी का क्या हुआ?*
वॉट्सऐप अपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड पॉलिसी में इस बात का दावा करती थी कि आपके मैसेज, डेटा उसके पास भी नहीं रहता। 8 फरवरी के बाद ये खत्म हो जाएगी। कंपनी ने अपनी इस पॉलिसी में लिखा था कि आपकी प्राइवेसी और सुरक्षा हमारे लिए सबसे ऊपर है, इसलिए हमने आपके लिए एंड टू एंड एन्क्रिप्शन फीचर तैयार किया है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्ट होने से आपके मैसेज, फोटो, वीडियो, वॉइस मैसेज, डॉक्यूमेंट, स्टेटस और कॉल सुरक्षित हो जाते हैं और कोई उनका गलत इस्तेमाल नहीं कर सकता है। एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन फीचर से यह पक्का हो जाता है कि मैसेज और कॉल सिर्फ आपके और आपके कॉन्टैक्ट के बीच ही रहे।
आइडिया फ़ॉर न्यूज़ के लिए दिल्ली से अमित सिंह नेगी की रिपोर्ट।